राज्य गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पं. राजेन्द्र अणथ्वाल ने शुक्रवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय पशुक्रूरता निवारण समिति की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने पशु क्रूरता अधिनियम का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने और गौवंश के संरक्षण पर जोर दिया।
उपाध्यक्ष ने कहा कि गौ सेवा एक पुनीत कार्य है। भारत में वैदिक काल से ही गाय का महत्व रहा है। गाय का दूध, गोमूत्र और गोबर बहुगुणी है। गौ संवर्धन के पीछे सांस्कृतिक, वैज्ञानिक एवं सामाजिक कारण भी है। उन्होंने कहा कि गाय के दूध, मख्खन, घी एवं मलमूत्र से बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज हो रहा है। गाय के गोबर से जैविक खेती कर आर्थिकी को सुदृढ करने के साथ ही देश को खुशहाल बनाया जा सकता है। उन्होंने सभी से गौ, गंगा और गाय के संरक्षण करने की बात कही। बताया कि सरकार स्वदेशी बद्री गाय के संरक्षण के साथ ही उसे बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य कर रही है। इस दौरान उन्होंने गौवंश संरक्षण के लिए जिला स्तर पर किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी ली।
उपाध्यक्ष ने सभी नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में आवारा एवं निराश्रित पशुओं के लिए कांजी हाउस बनाने के निर्देश दिए। कहा कि सभी नगर क्षेत्रों में इसके लिए शीघ्र भूमि चिन्हित की जाए। जिला पंचायत को ब्लाक स्तरों पर गौ सदन बनाने के लिए जल्द कार्यवाही करने के निर्देश दिए। वन विभाग को वन चौकियों के निकट पानी और चारे वाले स्थानों पर गायों के लिए अस्थाई सेड बनाने को कहा।
उपाध्यक्ष ने कहा कि जो लोग पशुओं को आवारा और निराश्रित बनाकर छोड़ दे रहे है उनके खिलाफ पुलिस, नगर पालिका एवं जिला पंचायत मिलकर पशु क्रूरता अधिनियम के प्राविधानों के अनुसार त्वरित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। सभी गौ वंशीय पशुओं की टैगिंग की जाए। शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से पशुक्रूरता अधिनियम और गौवंश के सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक गुणों के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, एडीएम हेमंत कुमार वर्मा, मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डा. प्रलयंकर नाथ, पशु चिकित्सा अधिकारी डा. मेघा पंवार, गैर सरकारी उपाध्यक्ष डा. स्वामी योगनन्द, जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष भंडारी आदि सहित जिला पंचायत एवं सभी नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी उपस्थित थे