ऊखीमठ। तहसील प्रशासन, वन्यजीव प्रभाग केदारनाथ तथा वन विभाग अगस्तमुनि द्वारा वन पंचायत मक्कू व वन पंचायत उषाडा का सीमांकन किया गया जिसमें सभी विभागों द्वारा वन पंचायत सरपंच, वन पंचायत के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों को सीमा सतम्भ की बारिकी से जानकारी दी गई। सीमांकन के बाद यह निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में वन विभाग द्वारा टी एस उपकरण से सीमाकन किया जायेगा। सीमांकन के बाद वन पंचायत उषाडा का कहना है कि वे सीमांकन से सन्तुष्ट नहीं है।
बता दें कि वन पंचायत मक्कू व जावजगपुडा के प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने दोनों वन पंचायतों की सीमाकन के लिए नायब तहसीलदार जयवीर राम बधाणी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम का गठन कर टीम को शुक्रवार को दोनों वन पंचायतों का सीमाकन करने के निर्देश दिये थे। शुक्रवार को पांच सदस्यीय टीम जब दोनों वन पंचायतों की सीमाकन के लिए बनियाकुण्ड पहुंचीं तो केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के रेज अधिकारी ललित मोहन नेगी ने बताया कि गोपेश्वर – ऊखीमठ पैदल मार्ग के सीमा सतम्भ संख्या 54 के निचले हिस्से से केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की सीमा शुरू होती है जबकि तहसील प्रशासन के नक्शे के अनुसार सीमा सतम्भ संख्या 141 से राजस्व ग्राम बनियाकुण्ड की सीमा शुरू होती है तथा शेष भू-भाग वन विभाग अगस्तमुनि रेंज के अन्तर्गत आता है!
तहसील प्रशासन, वन विभाग, केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग तथा दोनों वन पंचायतों के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में सभी सीमा सतम्भ का बारिकी से सर्वे व निरीक्षण करने के बाद निर्णय लिया गया की आने वाले दिनों में वन विभाग द्वारा टी एस उपकरण के माध्यम से दोनों वन पंचायतों की सीमा का बारिकी से सीमाकन किया जायेगा। सीमांकन के बाद वन पंचायत सरपंच उषाडा देवेन्द्र बजवाल का कहना है कि मैं सीमाकन से सन्तुष्ट नहीं हूँ। इस मौके पर प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी, पावजगपुडा अरविन्द रावत, उषाडा कुवर सिंह बजवाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य जयवीर सिंह नेगी, मदन सिंह राणा, लम्बोदर प्रसाद मैठाणी, जय सिंह चौहान, रेज अधिकारी अगस्तमुनि यशवन्त चौहान, राजस्व निरीक्षक जयकृत सिंह रावत, राजस्व उप निरीक्षक सतीश भटट्, वासुदेव सिंह, मनोज मैठाणी, जीतपाल सिंह भण्डारी मौजूद रहे।