उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रकृति अनमोल धरोहर उर्गम घाटी को पर्यटन व शैव सर्किट से जोड़ने के फैसले से घाटी में वर्षभर प्रकृति प्रेमी पर्यटकों व श्रद्धालुओं की आमद बढ़ने की उम्मीद जग गई है।
पंच बदरी व पंच केदारों की धरती उर्गम घाटी में जहां पंच बदरी में एक ध्यान बदरी व पंच केदारों में एक भगवान कल्पनाथ का पौराणिक मंदिर व शिवालय हैं। जो वर्षभर खुले रहते हैं। उर्गम घाटी से ही वंशीनारायण व फ़्यूलानारायण मंदिरों व सुरम्य बुग्यालों की ट्रैकिंग भी शुरू होती है। उर्गम घाटी सड़क संपर्क से जुड़ने के बाद वैसे तो प्रकृति प्रेमी पर्यटक व शिव भक्त श्रद्धालु यहां पहुंच ही रहे हैं। अब पर्यटन व शैव सर्किट से जुड़ने से उर्गम घाटी मे वर्षभर पर्यटकों की संख्या मे बढ़ोत्तरी की उम्मीद जगी है। प्रकृति की अनमोल धरोहर उर्गम घाटी को पर्यटन व शैव सर्किट में जोड़ने के लिए उर्गम घाटी में की ईको पर्यटन विकास समिति विगत दो वर्षों से लगातार इस दिशा में प्रयासरत थी। ईको पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी, सचिव रघुवीर सिंह नेगी, उर्गम घाटी के आचार्य पंडित मनोहर प्रसाद सेमवाल व विनोद सेमवाल ने पिछले दिनों बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट के नेतृत्व मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से भेंट कर उर्गम घाटी को पर्यटन व शैव सर्किट से जोड़ने का आग्रह किया था। समिति के अध्यक्ष श्री नेगी ने कहा कि उर्गम घाटी के पर्यटन व शैव सर्किट से जुड़ने के बाद घाटी मे जहां स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे वहीं पलायन पर भी प्रभावी रोक लगेगी।