लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला के निर्देशन पर गठित पांच सदस्यीय टीम द्वारा ऊखीमठ में सावन माह में मीट की दुकानों को बन्द रखने का निर्णय लिया गया है तथा विगत दो दिनों से व्यापारियों व मीट विक्रेताओं के मध्य चल रहा विवाद समाप्त हो गया है तथा दोनों पक्षों द्वारा भविष्य में आपसी सौहार्द के साथ कारोबार आगे बढाने का निर्णय लिया गया।
बता दें कि गुरूवार को स्थानीय व्यापारी व मीट विक्रेता सावन माह में मांस की दुकान बन्द करने को लेकर आमने – सामने हो गये थे। दोनों पक्षों का मामला जब उपजिलाधिकारी के दफ्तर पहुंचा तो उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला द्वारा शुक्रवार को दोनों पक्षों सहित सम्बन्धित अधिकारियों की बैठक आहूत की गयी थी। शुक्रवार को तहसील सभागार में आयोजित बैठक में अधिकांश व्यापारी सावन माह में मांस की दुकानों को बन्द रखने के पक्षधर थे तो कुछ व्यापारी सावन माह में मांस की दुकानें खुला रहने के पक्ष में थे। अधिकांश वक्ताओं का कहना था कि सावन माह भगवान शंकर का पवित्र माह माना जाता है इसलिए मीट की दुकानों का संचालन बन्द होना चाहिए। वक्ताओं का कहना था कि प्रशासन व नगर पंचायत की अनदेखी के कारण मीट की दुकानों का संचालन मानकों के तहत नहीं हो रहा है तथा ऊखीमठ क्षेत्र आध्यात्मिक, धार्मिक व सांस्कृतिक चेतना का केन्द्र है इसलिए सावन माह व प्रत्येक मंगलवार को मीट की दुकानें बन्द होनी चाहिए। कुछ व्यापारियों व जनप्रतिनिधियों का कहना था कि मीट की दुकानों का संचालन सार्वजनिक स्थानों के बजाय एक निर्धारित स्थान पर होना चाहिए। बैठक में काफी विचार – विमर्श के बाद उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, व्यापार संघ अध्यक्ष राजीव भट्ट, प्रधान संगठन ब्लॉक संरक्षक सन्दीप पुष्वाण, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी भारत भूषण पंवार व संजय पाल पांच सदस्यीय समिति को एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए जिसका संज्ञान लेते हुए पांच सदस्यीय समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि पूरे सावन माह में सभी मीट की दुकानें सावन माह में बन्द रखी जायेगी तथा भविष्य में सभी को व्यापार संघ द्वारा पारित प्रस्तावों के अनुरूप कार्य किया जायेगा तथा आपसी सौहार्द बना रहेगा। इस मौके पर पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष आनन्द सिंह रावत,केदारनाथ सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्वाण, कार्यकारी अध्यक्ष जय प्रकाश पंवार, गुरिल्ला संगठन जिलाध्यक्ष बसन्ती रावत, महेश बर्त्वाल, डा0 अंजनेश पंवार, रवीन्द्र रावत, पूर्व जिपस संगीता नेगी, प्रदीप धर्म्वाण, यशबीर बर्त्वाल, पवन राणा, बलवन्त रावत, श्याम सिंह बिष्ट, प्रमोद नेगी, राकेश तिवारी, क्षेपस उषा भटट्, कर्मवीर बर्त्वाल, कर्मवीर कुवर, नवदीप नेगी, राय सिंह धर्म्वाण, देवी शंकर त्रिवेदी सहित कई दर्जनों व्यापारी व सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।