हिमालय क्षेत्रों के प्राकृतिक सौंदर्य के संरक्षण व संवर्धन के लिए सामूहिक प्रयास होने चाहिए : विधायक केदारनाथ

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

ऊखीमठ : केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग रेज ऊखीमठ / गुप्तकाशी के तत्वाधान में केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण्य इको सेंसिटिव जोन परामर्श गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों, वन पंचायत सरपंचों व ग्रामीणों ने बढ़कर भागीदारी की। गोष्ठी में केदारनाथ वन्यजीव अभ्यारण्य इको सेंसिटिव जोन घोषित होने के बारे में जनमानस के सुझाव मांगे गये। परामर्श गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों के प्राकृतिक सौन्दर्य के संरक्षण व संवर्धन के लिए सामूहिक पहल होनी चाहिए तथा जंगली जीव जन्तुओं के विचरण में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इको सेंसिटिव जोन घोषित करने से पूर्व सभी ग्रामीणों की सहमति अनिवार्य होनी चाहिए तथा किसी के प्राचीन हक – हकूको पर छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय तीर्थाटन व पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने की सामूहिक पहल होनी चाहिेए। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर ने बताया कि सभी की सहमति से इको सेंसिटिव जोन घोषित करने का प्रस्ताव आगे भेजा जायेगा तथा इको सेंसिटिव जोन के प्रावधानों के तहत किसी के हक – हकूकों के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी तथा सेंसिटिव जोन के नियमों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के सामूहिक पहल की जायेगी।

 

पी जी कालेज अगस्तयमुनि वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डा0 के पी चमोली ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन घोषित होने से बुग्यालों की सुन्दरता कायम रहेगी तथा बुग्यालों में मानवीय हस्तक्षेप कम होगा। रेज अधिकारी ललित मोहन नेगी ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन घोषित करने से पूर्व सभी ग्रामीणों की सहमति के अनुसार ही अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। रेज अधिकारी चेतना काण्डपाल ने बताया कि पूर्व में 39 गाँव इको सेंसिटिव जोन के अन्तर्गत आ रहे थे मगर वर्तमान सहमति के आधार पर सिर्फ 5 ही गाँव इको सेंसिटिव जोन में शामिल हो रहे है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कनिष्ठ प्रमुख शैलेन्द्र कोटवाल ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों की सहमति के बाद ही इको सेंसिटिव जोन का प्रस्ताव पारित होना चाहिए। गोष्ठी का संचालन एल एस नेगी ने किया!इस मौके पर प्रधान रासी कुन्ती नेगी, चौमासी मुलायम सिंह तिन्दोरी, कोटमा आशा सती, कविल्ठा अरविन्द राणा, ब्यूखी सुदर्शन राणा, कुणजेठी दिलवर सिंह रावत, जाल मल्ला त्रिलोक रावत, तोषी मदन रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य सोमेश्वरी भटट् मोहन सिंह राणा, प्रदीप बजवाल, कृपाल सिंह राणा, वन दरोगा कुलदीप नेगी, पृथ्वी सिंह नेगी, ईश्वर सिंह कण्डारी, महेन्द्र सिंह नेगी, देवेन्द्र सिंह नेगी सहित विभिन्न गांवों के जनप्रतिनिधि, वन पंचायत सरपंच व अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।

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