केदारनाथ धाम को कच्चरा मुक्त बनाने को जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन आई आगे

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी 

ऊखीमठ : जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन ने भारत के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक ‘केदारनाथ’ को कचरा-मुक्त बनाने में मदद के लिए ‘स्वच्छ केदारनाथ’ परियोजना की शुरुआत की है। रुद्रप्रयाग जिले में प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर क्षेत्र केदारनाथ भारत की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का एक हिस्सा है। औसतन, यहां सालाना लगभग 15-20 लाख तीर्थयात्री आते हैं, जिससे प्लास्टिक और अन्य कचरा भारी मात्रा में इकट्ठा हो जाता है। स्वच्छ केदारनाथ परियोजना प्लास्टिक कचरे के उचित निपटान को सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड सरकार और जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई एक संयुक्त पहल है। अनुभूति वेलफेयर फाउंडेशन इस परियोजना के लिए कार्यान्वयन करेगा, और रिसाइकल (Recykal) तकनिकी मदद करेगा। आज केदारनाथ मंदिर के इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘स्वच्छ केदारनाथ’ परियोजना का शुभारंभ हुआ। इसका उद्देश्य प्लास्टिक और अन्य कचरे को रीसाइक्लिंग सुविधाओं तक पहुंचाकर उचित निपटान सुनिश्चित करना है जिससे कचरा मंदाकिनी, वासुकी गंगा जैसी पवित्र नदियों में जाकर न मिले।

शुभारंभ के अवसर पर 10 सफाई मित्रों को सुरक्षा किट वितरित किये गये। गिरीश चंद्र, सेक्टर मजिस्ट्रेट, केदारनाथ, मनोहर अंजुवाल, कानूंगो (राजस्व निरीक्षक), गुप्तकाशी, राज कुमार तिवारी, केदार सभा अध्यक्ष, वैखरी विद्वांस, अनुभूति वेलफेयर फाउंडेशन, रोहित जोशी, रिसाइकल तथा केदारनाथ क्षेत्र के होटल मालिकों और वितरकों ने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

तीर्थ स्थल की पवित्रता को बनाए रखने और कचरा प्रबंधन के लिए एक व्यापक समाधान की आवश्यकता को पहचानते हुए स्वच्छ केदारनाथ परियोजना का ढांचा बनाया गया है। इसमें 2016 के प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमों को मध्य नजर रखते हुए प्रभावी कचरा व्यवस्थापन करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख गतिविधियों को स्पष्ट किया है।

प्लास्टिक कचरे के हानिकारक प्रभावों और कचरा प्रबंधन के महत्व के बारे में स्थानिकों, पर्यटकों और व्यवसायिकों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान आयोजित करना,
प्लास्टिक की बोतलें, बैग और स्ट्रॉ जैसी एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं की बजाय उनके विकल्पों के उपयोग को बढ़ावा देना।पुन: उपयोग में लाई जानेवाली पानी की बोतलें, कपड़े के थैले और बायोडिग्रेडेबल स्ट्रॉ जैसे पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों के उपयोग को प्रोत्साहित करना।

केदारनाथ में कचरा संग्रहण और निपटान प्रणालियों में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना कि प्लास्टिक कचरे के लिए निर्दिष्ट संग्रहण केंद्र हों, और सफाई कर्मचारियों द्वारा कचरे का नियमित रूप से व्यवस्थापन जारी रहे।केदारनाथ में पुनर्चक्रण सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की स्थापना करना, जहां एकत्रित प्लास्टिक कचरे को संसाधित और पुनर्चक्रित किया जा सके।

रुद्रप्रयाग के उप जिला मजिस्ट्रेट, जितेंद्र वर्मा ने इस परियोजना को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “’स्वच्छ केदारनाथ’ परियोजना, रुद्रप्रयाग के शाश्वत विकास के लिए एक बड़ा कदम है। मुझे रिसाइकल, जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन और अनुभूति वेलफेयर फाउंडेशन की प्रतिबद्धता को देखकर बहुत खुशी हो रही है क्योंकि वे केदारनाथ में शून्य कचरा स्थिति हासिल कर स्थायी रूप से इस पवित्र धाम को सुंदर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। केदारनाथ की प्राकृतिक चुनौतियों का सामना करते हुए इस परियोजना को चलाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उनकी वजह से जिला प्रशासन की और से कचरा प्रबंधन के लिए बनाए गए मौजूदा कार्यक्रम पर सकारात्मक असर होगा।

स्वच्छ केदारनाथ’ के बारे में अपने विचार प्रदर्शित करते हुए जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन की अध्यक्ष संगीता जिंदल ने कहा, आज हमारे सामने आने वाली समस्याओं से निपटने में मदद करने के लिए व्यापक उपाय अपनाने में जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन विश्वास करता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए प्रभावी कचरा प्रबंधन प्रणालियों को अपनाना बहुत आवश्यक है। केदारनाथ हमारे देश का ऐसा स्थान है जहा लाखो करोड़ों श्रद्धालु आते है। इस साझेदारी के जरिए न केवल इस तीर्थ स्थल में की प्राकृतिक सुंदरता में सुस्थिरता आएगी बल्कि स्थानिकों को भी प्रभावी कचरा प्रबंधन के लिए जागरूक नागरिक बनाने का प्रयास किया जाएगा।

अनुभूति वेलफेयर फाउंडेशन के प्रवक्ता ने कहा स्वच्छ केदारनाथ’ परियोजना के माध्यम से हम प्लास्टिक कचरे के सुयोग्य प्रबंधन को प्राथमिकता दे रहे हैं। हमारे सामूहिक प्रयासों का उद्देश्य स्थानिकों, पर्यटकों और व्यवसायों को पर्यावरण के लिए अनुकूल विकल्पों को अपनाने के लिए बढ़ावा देना और केदारनाथ में शून्य कचरा स्थिति हासिल करने के लिए लोगों को शिक्षित करना है।

रिसाइकल के संस्थापक और सीईओ अभय देशपांडे ने कहा, “पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के कारण रीसाइक्लिंग क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आया है। वस्तुओं को, संसाधनों को त्यागने के बजाय, अब हम उन्हें दूसरा जीवन देने का प्रयास कर रहे हैं। डिजिटल डीआरएस जैसी तकनीक के जरिए, हमारे पास उपभोक्ताओं के बीच जिम्मेदारी की भावना जाग्रत करते हुए उनके व्यवहार में बदलाव लाने की शक्ति है। रिसाइकल, जेएसडब्ल्यू, अनुभूति वेलफेयर फाउंडेशन और उत्तराखंड सरकार के बीच सहयोग देखना वास्तव में उत्साहजनक है क्योंकि हम साथ मिलकर स्वच्छ केदारनाथ की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

JSW फाउंडेशन 

JSW फाउंडेशन 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर वाले JSW समूह की सामाजिक विकास शाखा है। JSW समूह भारत के प्रमुख व्यापारिक समूहों में से एक है। पिछले तीन दशकों से ग्रामीण समुदायों को समृद्ध एवं सशक्त बनाने में JSW समूह सफलता हासिल कर रहा है। जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन का लक्ष्य शिक्षा, कृषि, रोजगार, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास, जल, पर्यावरण और स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, कला-क्रीड़ा को बढ़ावा देना हैं। जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन 14 राज्यों के 22 जिलों में 33 स्थानों पर संचालित होता है और जेएसडब्ल्यू के संयंत्र और बंदरगाह के आसपास के समुदायों के साथ काम करता है। यह भारत के सामाजिक विकास में सार्थक तरीके से योगदान देने के लिए इन स्थानों के अलावा अन्य समुदायों के साथ भी काम करता है।

अनुभूति वेलफेयर फाउंडेशन 

अनुभूति वेलफेयर फाउंडेशन कचरा बीनने वाले, छँटाई – सफ़ाई करने वाले और सफ़ाई मित्रों के रूप में जाने वाले स्वच्छता कार्यकर्ताओं के जीवन को सशक्त और बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। इस संस्था का लक्ष्य कचरा प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र में समग्र रूप से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाना और 2025 तक 10 लाख सफाई मित्रों के जीवन का उत्थान करना है। यह संस्था व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, घरों, शैक्षणिक संस्थानों और कॉर्पोरेट क्षेत्र जैसे कचरा उत्पादकों के बीच जागरूकता बढ़ाने का काम करती है। स्मार्ट स्वच्छता केंद्र और जागरूकता अभियान जैसी पहलों के माध्यम से, यह संस्था समुदाय के व्यवहार में परिवर्तन लाती है तथा सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए प्रयास करती हैं।

रिसाइकल 

रिसाइकल भारत में ‘सर्कुलर इकोनॉमी के लिए प्रबंधित मार्केटप्लेस’ के अग्रणी हैं, जो डिजिटल कचरा प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र के साथ रीसाइक्लिंग में सभी हितधारकों को सक्षम बनाता है। यह सर्कुलरिटी और स्थिरता समाधान प्रदान करने वाली इन श्रेणियों में काम करता हैं: प्लास्टिक, कागज, धातु, ई-कचरा, टायर और बैटरी आदी।

रिसाइकल इस क्षेत्र में भारत का पहला तकनिकी-संचालित समाधान प्रदाता है और उत्पादकों, फैक्टरीज, कबाड़ी वाले, रिसाइक्लिंग करनेवाले और विभिन्न हितधारकों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाता है।

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