प्रकृति प्रेमियों से गुलजार हुई विश्व धरोहर फूलों की घाटी, 14 दिन में 1595 पर्यटकों ने किया घाटी का दीदार
संजय कुंवर, फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क,घांघरिया
उत्तराखंड के चमोली जनपद की उच्च हिमालई भ्यूंडार घाटी में स्थित विश्व प्राकृतिक धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क में इन दिनों रंग बिरंगे दुर्लभ अल्पाइन उच्च हिमालई पुष्पों की महक बिखरी हुई है,घाटी मे इन दिनों बामन धौड़ कंपार्टमेंट से आगे अल्पाइन लिलियम पुष्प और सफेद प्रिमुला और पीला एस्टर,नीला जिरेनियम पुष्प के साथ लाल पोटेंटिला पुष्प अपनी रंगत बिखेर रहा है, खुश नुमा मौसम के बीच आजकल पूरी घाटी सफेद केसरिया रंग में रंगी नजर आ रही है।
जैव विविधता और दुर्लभ वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध यह फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क देशी विदेशी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों से गुलजार है। पार्क के वन दरोगा जय प्रकाश ने बताया कि 14 दिन में अबतक 1583 भारतीय पर्यटकों और 12 विदेशी पर्यटक सहित कुल 1595 प्रकृति प्रेमी पर्यटकों ने इस नंदन कानन फूलों की घाटी का दीदार किया है। ब्रिटिश पर्वतारोही और वनस्पति शास्त्री फ्रैंक स्मिथ की वर्ष 1932 में अपने कामेट पर्वतारोहण अभियान के दौरान खोजी यह दुर्लभ अल्पाइन पुष्पों की घाटी। समुद्रतल से करीब 12995 फीट की ऊंचाई पर स्थित है विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क चमोली जनपद में समुद्रतल से 12 हजार 995 फीट की ऊंचाई पर करीब 87.5 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व के तहत आती है। अपने दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवन रंग-बिरंगी तितलियां, हर्बल जड़ी – बूटियों व बेस कीमती जीवन दायिनी वनस्पतियां,प्राकृतिक झरनों के साथ रतवान ग्लेशियर से निकल कर घाटी के मध्य बहने वाली पुष्पावती नदी,और दूर-दूर तक फैले ग्लेशियर,ऊंचे बर्फीले पहाड़ घाटी का सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं।वहीं पथा रोहन के शौकीनों के लिए यहां 17 किमी लंबा ऐतिहासिक रोमांचक फूलों की घाटी कुंठ खाल हनुमान चट्टी ट्रैक भी है।