चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, अब 6 माह तक होंगे भगवान शिव के एकानान स्वरूप के दर्शन
संजय कुंवर की रिपोर्ट
चमोली जिले के उच्च हिमालय तीर्थ चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट आज ब्रह्म मुहूर्त में वैदिक मंत्रोचार और विधिविधान के साथ खोल दिए गए हैं।
बता दें कि चतुर्थ केदार रुद्रनाथ पुरे भारतवर्ष में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव के मुखार बिंदु के दर्शन एकानन स्वरूप में होते हैं, वहीं भगवान शिव के चतुरानन स्वरूप के दर्शन पशुपति नाथ मंदिर नेपाल में और पंचानन स्वरूप के दर्शन इंडोनेशिया के एक शिव मंदिर में होते है। मान्यता है की द्वापर काल में भगवान शिव ने पाण्डवों को यहीं पर अपने मुख के दर्शन दिए थे। शनिवार को भगवान रुद्रनाथ के कपाट मुख्य पुजारी महादेव भट्ट द्वारा पूजार्चना करने के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं।
इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु 18 किलोमीटर की विकट और दुरूह चढ़ाईं पार कर रुद्रनाथ जी के दर्शनों के लिए पहुंचे, अब शेष गीष्मकाल के 6माह तक भगवान रूद्र नाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले रहेंगे।यहां पर एक प्राकृतिक गुफा में शिव का वही पाण्डवों के समय का एकानन स्वरूप वाला श्यामवर्णी मुख लिंग विराजमान है। यह आध्यात्मिक तीर्थाटन स्थल भगवान शिव को समर्पित है और समुद्र तल से करीब 2289 मी.की ऊंचाई पर हिमालय के खुबसूरत मनोरम बुग्यालों ( हिमालय में घास के मैदान) के मध्य केदारनाथ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से सटा चमोली जनपद मुख्यालय गोपेश्वर से 22 किमी. की दूरी पर स्थित है।