चमोली : रोजगार सृजन के लिए वन क्षेत्रों में उत्पादित होने वाली जड़ी बूटियों तथा संगध पादप के उचित प्रबंधन एवं नियोजित विदोहन को लेकर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में जडी बूटी शोध संस्थान मंडल में बैठक हुई। जिसमें जडी बूटी उत्पादन और विपणन की सुविधाओं को सरल बनाने को लेकर गहनता से विचार विमर्श करते हुए किसानों के सुझाव भी लिए गए।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि उत्पादन एवं विपणन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बायर्स व सेलर्स मीट करायी जाए। बड़े बायर्स कंपनियों की डिमांड के अनुसार जड़ी बूटियों का उत्पादन किया जाए। ताकि किसानों अच्छी आजीविका मिल सके। ऐसी जडी बूटियां जो प्रतिबंधित वन क्षेत्रों में उगती है और उनकी डिमांड अधिक है तो उसके लिए अनुमति ली जा सकती है। इस दौरान जडी बूटी उत्पादन एवं विपणन से जुड़े किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर किसानों के सुझाव भी लिए गए।
बैठक में जडी बूटी शोध संस्थान के निदेशक/मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र, डीएफओ रमाकांत तिवारी, एसडीओ पूजा रावत, सीएओ वीपी मौर्य, सीएचओ तेजपाल सिंह, सीवीओ प्रलंयकर नाथ, शोध संस्थान के वैज्ञानिक सीपी कुनियाल आदि सहित जडी बूटी उत्पादन से जुड़े किसान उपस्थित थे।