चमोली : जनपद के प्रभारी सचिव दीपेन्द्र चौधरी ने अपने दो दिवसीय भ्रमण के दौरान स्वयं सहायता समूहों के विभिन्न संगठनों के साथ संवाद किया और उनके द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों अचार, जूस, मसाले, चटनी व मंडुवा आदि को देखा। कहा कि जनपद कृषि वानिकी वाला क्षेत्र है। किसानों की आय दोगुना करना और ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी को सुदृढ़ करना हमारी प्राथमिकता है। कृषि, बागवानी, डेयरी,मौन पालन तथा जड़ी बूटी उत्पादक कृषकों को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए।
कहा कि जो प्राकृतिक स्रोत हैं उनके संवर्धन के लिए चेक डेम,चाल- खाल बनाए जाएं। वर्षा जल संचय किया जाय। इससे पीने के पानी की समस्या भी दूर होगी और सिंचाई के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। साथ ही ऐसी प्रजातियों के पेड़ लगाए जाएं जो पानी को कंजर्व करते हैं। सगर में पहाड़ी फ्रूट प्रॉडक्शन तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित लेनटाना से बने उत्पादों, भोजपत्र बैजन्ती माला लेमन ग्रास ऑइल की सराहना की तथा उपस्थित उद्यमियों तथा महिलाओं से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनी और सुझाव लिए।
उन्होंने कहा कि हमें पहाड़ी उत्पादों का उपयोग करने के लिए लोगों में जागरूकता लानी होगी ये स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं और इससे स्थानीय उत्पादकों को रोजगार के साथ साथ उनकी आर्थिकी भी बढ़ेगी।इस दौरान कृषि अधिकारी वीपी मौर्य, उद्यान अधिकारी तेज पाल सिंह, डीएसटीओ विनय जोशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।