हस्तलेखन सुधार नवाचारी में चमोली ने दिया पूरे प्रदेश को संदेश : सारस्वत
केएस असवाल
गौचर : चमोली ने हस्तलेखन सुधार का अभिनव नवाचारी प्रयोग करके पूरे प्रदेश को संदेश दिया है , यह बात जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चमोली( गोचर) के प्राचार्य आकाश सारस्वत ने पांच दिवसीय हस्तलेखन कार्यशाला के समापन अवसर पर कही। सारस्वत ने कहा कि यह एक अद्भुत कार्यशाला थी इसमें राजकीय जूनियर हाईस्कूल करूली बागेश्वर के कक्षा 7 और 8 में पढ़ने वाले पांच बच्चों द्वारा अपने प्रधानाध्यापक के साथ मिलकर 140 स्थानीय बच्चों और 39 डीएलएड छात्रों को लेखन सुधार का प्रशिक्षण दिया गया। यह कार्यशाला भविष्य में एक नजीर बनेगी, ग्रीष्मावकाश के समय भी इस तरह का प्रशिक्षण रखा जाएगा।
पांच दिवसीय हस्तलेखन कार्यशाला में गोचर के स्थानीय विद्यालयों के 140 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया, इसमें मुख्य संदर्भदाता नरेंद्र गिरि गोस्वामी ने छात्र-छात्राओं को अच्छे लेखन के कई गुर सिखाए, स्थानीय छात्र – छात्राओं और डीएलएड प्रशिक्षुओं द्वारा कार्यशाला में खासा उत्साह दिखाया गया।
केंद्रीय विद्यालय गोचर में कक्षा 5 में पढ़ने वाली छात्रा वैष्णवी का कहना है कि इस कार्यशाला का उन्हें बहुत लाभ हुआ है इससे उनके लेखन में सुधार आया है। राजकीय आदर्श जूनियर हाईस्कूल गोचर की कक्षा 7 की छात्रा संध्या ने कहा कि यह एक रुचिपूर्ण कार्यशाला थी इसमें उनके द्वारा तनावरहित होकर कार्य किया गया। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गोचर में कक्षा 8 की छात्रा मनीषा का कहना है कि इस कार्यशाला में हमने अपनी छुट्टियों का भरपूर उपयोग किया। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज गोचर में कक्षा 7 में पढ़ने वाले छात्र आदित्य का कहना है कि उन्हें इस कार्यशाला में अच्छे लेखन का महत्व भी पता चला। शिवालिक पब्लिक स्कूल के कक्षा 9 के छात्र आर्यन को इस कार्यशाला में अपने लेखन के हुनर को तराशने का भरपूर अवसर मिला उनका कहना है कि वह अब अपने लेख पर और अधिक जोर देंगे l
मुख्य संदर्भदाता नरेंद्र गिरि गोस्वामी के साथ उनके विद्यालय के पांच छात्र छात्राएं पावनी खेतवाल, सौम्या साह, गौरव जोशी, अभय साह और नैतिक रौतेला ने संदर्भदाता की भूमिका निभाई गई। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रदीप चंद्र नौटियाल, रविंद्र सिंह बर्त्वाल ,सुबोध कुमार डिमरी ,सुमन भट्ट, मृणाल जोशी योगेंद्र सिंह बर्त्वाल , शकुंतला चौधरी द्वारा प्रतिभाग किया गया, समापन सत्र का संचालन कार्यशाला के समन्वयक डॉक्टर कमलेश कुमार मिश्र द्वारा किया गया।