उत्तराखंड चमोली जिले के उच्च हिमालई पौराणिक दंड पुष्करणी तीर्थ श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में श्रावण पूजा हेतु श्रद्धालुओं की भीड़
संजय कुंवर, लोकपाल घाटी, घांघरिया,जोशीमठ
समुद्रतल से करीब 15 हजार 225 फीट की ऊंचाई पर चमोली जनपद के लोकपाल घाटी में स्थित उच्च हिमालई पौराणिक हिन्दू तीर्थ स्थल श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में इस बार 23 मई से लेकर अबतक हजारों श्रद्धालुओं ने मत्था टेका है। श्रावण मास के विशेष दर्शन पूजन करने श्रद्धालु बड़ी तादात में पहुंच रहे है।
खासकर जोशीमठ क्षेत्र के पांडुकेश्वर, गोविंद घाट,पुलना,भ्यूडार,लाम बगड़,नरसिंह मंदिर,बड़ागांव, मेरग तुगासी,कर्छी गांव, आदि गांवों के श्रद्धालु भ्यूडार वैली के रक्षक माने जाने वाले भगवान श्री लोकपाल लक्ष्मण जी के दर्शनों के लिए पुलना गांव से पैदल पथारोहण कर जंगल चट्टी,भ्यूडार,गोविंद धाम, अटलाकोटी की दुर्गम चढ़ाई को लोकपाल देवता के प्रति अगाध आस्था के बलबूते पार कर श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर पहुंच रहे है,जहां पौराणिक पवित्र दंड पुष्करणी सरोवर के पावन जल में आस्था की डुबकी लगाकर भगवान श्री लोकपाल देवता के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। इन दिनों लोकपाल घाटी की प्राकृतिक सुन्दरता चरम पर है।
यहां उत्तराखंड के राज्य पुष्प दिव्य ब्रह्म कमल की बिखरी महक श्रद्धालुओं को अद्भुत आनंद की अनुभूति दे रही है।
लोक मान्यता है कि यहां इसी लोकपाल घाटी में पवित्र सरोवर के किनारे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी के भाई लक्ष्मण जी ने अपने पूर्व जन्म में शेषनाग अवतार के रूप में घोर तपस्या की थी, दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित इसी पौराणिक दंड पुष्करणी सरोवर तट पर बने श्री लोकपाल मंदिर के कपाट इस बार 23 मई को आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गए थे। तब लगातार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।