चमोली : चतुर्थ केदार रूद्रनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ वन प्रभाग ने भी बढ़ाई गश्त

Team PahadRaftar

चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अब मंदिर क्षेत्र से पनार बुग्याल सेंचुरी एरिया में वन विभाग की गश्त हुई तेज,पैट्रोलिंग टीम ने रुद्रनाथ ट्रैक से प्रवेश द्वार तक गश्त बढ़ाई।

संजय कुंवर रुद्रनाथ धाम

चमोली जनपद के उच्च गढ़वाल हिमालई शिव धाम चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बृहस्पतिवार को शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। ऐसे में अब इस पूरे संरक्षित क्षेत्र की ओर वन्य जीव अभयारण्य की सुरक्षा और चोकसी के लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर की वन विभाग कि अधिकारियो, वन दारोगाओं और वन बीट अधिकारियो की टीम शीतकाल में इस क्षेत्र में गश्त और लंबी दूरी की पेट्रोलिंग कर सभी गतिविधियों पर नजर बनाए रखती है। रुद्रनाथ जी के कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर रेंज द्वारा सगर गांव के ऊपर संरक्षित क्षेत्र पनार बुग्याल से लेकर रुद्रनाथ मंदिर तक पूरे छेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी है, इस बाबत वन विभाग की स्पेशल गश्त टीम पनार बुग्याल से रुद्रनाथ मंदिर तक गश्त हेतु पहुंची।

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर के तहत रुद्रनाथ सेक्शन के वन दरोगा अरुण कुमार की अगवाई में पनार बुग्याल से एक वन विभाग की गश्त टीम ने रुद्रनाथ धाम के प्रथम प्रवेश द्वार तक की गश्त की ओर बढ़ी, उन्होंने बताया की मंदिर के कपाट बंद होने के बाद ये पेट्रोलिंग की गई है ताकि इस सेंचुरी एरिया में किसी भी तरह को अवैध गतिविधियों पर नज़र बनी रहे, कहा की ये गश्त प्रत्येक दिन जारी रहेगी। यात्रा बंद होने के बाद इस क्षेत्र में बिना स्पेशल परमिट के प्रवेश वर्जित रहता है, बिना अनुमति इस सेंचुरी एरिया में आवाजाही करने पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम सहित कई अन्य वन अधिनियम लागू हो जाते जिसमे दंडात्मक कार्रवाई के साथ भारी जुर्माना का प्रावधान भी है।

बता दें की रुद्रनाथ धाम की यात्रा केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के तहत संरक्षित वन क्षेत्र से होकर गुज़रती है.ऐसे में इस संरक्षित क्षेत्र में वन्य जीव तस्करों पर पैनी नजर के साथ साथ वन्य जीवों की सुरक्षा का जिम्मा भी केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर रेंज के वन्य कर्मियों पर होता है, करीब आधा दर्जन वन्य कर्मी प्रति दिन सेंचुरी एरिया में वन्य जीव अभयारण्य की कड़ी सुरक्षा का घेरा बनाए रखते है,वर्तमान में इस यात्रा मार्ग के मेजबान गांव सगर और इसके ठीक 10किलोमीटर ऊपर उच्च हिमालई पनार बुग्याल में केदारनाथ वन विभाग की चौकी स्थापित है जहां से पार्क कर्मी इस प्रतिबंधित सेंचुरी एरिया में कड़ी नजर बनाए हुए रहते है, रुद्रनाथ धाम,पंच केदारों में से एक है और यह भगवान शिव का मंदिर है. यह मंदिर चमोली ज़िले में समुद्र तल से 2,290 मीटर की ऊंचाई पर है. इसी रुद्रनाथ धाम से सटी सेंचुरी एरिया केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र है. यह अभयारण्य, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और चमोली ज़िलों में फैला है. यह वेस्टर्न हिमालय का सबसे खूबसूरत और बड़ा संरक्षित क्षेत्र है. इसका कुल क्षेत्रफल 975.20 वर्ग किलोमीटर है. यह अभयारण्य, अल्पाइन मस्क डियर, हिमालयन थार, हिमालयन ग्रिफ़ॉन, हिमालयन काला भालू, स्नो लेपर्ड, मोनाल पेजेंट, जैसे दुर्लभ वन्य जीव जंतुओं और पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है.

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