मां नंदा देवी की छंतोली बंड क्षेत्र के नौगांवों का भ्रमण कर पहुंची बंड भमियाल मंदिर में, जहां पर आज रात्रि को भव्य जागरण कार्यक्रम होंगे। शनिवार को मां नंदा देवी को कैलाश के लिए होगी विदाई।
पौराणिक सांस्कृतिक रीति रिवाज के अनुसार मां भगवती नंदा को सिद्धपीठ कुरूड से बुलाने की परंपरा रही है। पिछले वर्ष से बंड युवा संगठन द्वारा मां भगवती को सिद्धपीठ करुड से बुलाने की परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है। 31 अगस्त को युवा संगठन द्वारा मां भगवती को सिद्धपीठ कुरूड से बुलाकर मां नंदा देवी की छंतोली को बंड क्षेत्र में लाया गया। मां नंदा देवी की छंतोली के साथ सभी नंदा भक्तों ने मां के जयकारों से क्षेत्र के नौगांवों का भ्रमण किया गया। युवा संगठन के अध्यक्ष अजय भंडारी ने बताया कि मां नंदा देवी ने बंड क्षेत्र के सभी गांवों का भ्रमण किया गया।
सभी गांव में मां नंदा देवी के भक्तों ने भव्य स्वागत किया गया और मां के जयकारों से पूरा बंड क्षेत्र गुंजायमान हुआ है। उन्होंने कहा कि आज मां नंदा देवी की छंतोली बंड भूमियाल मंदिर किरूली में पहुंचेगी। भूमियाल मंदिर में आज रात्रि भव्य जागरण कार्यक्रम होंगे। जिसमें मां नंदा देवी के जागरों के साथ ही चांचरी, दांकुडी कार्यक्रम होंगे। शनिवार को भाग्य उत्सव के साथ मां नंदा देवी को कैलाश के लिए विदाई होगी। इस अवसर पर बंड़ युवा संगठन अध्यक्ष-अजय भंडारी ,जागर सम्राट देवेंद्र रावत. उमेश हटवाल अंकित नेगी हिमांशु नेगी सूरज नेगी प्रदीप नेगी भगत बिष्ट सौरभ डंडरियाल अयोध्या हटवाल पंकज शाह भूपेंद्र फर्स्वाण विक्रम नेगी सहित अन्य उपस्थित रहे।