भगवती स्वनूल देवी का दिव्य स्थान ससुराल है उच्च हिमालय में सोना शिखर
उर्गम घाटी के हिमालय की उच्च शिखरों में विराजमान सोना शिखर पर्वत पर भगवती मां स्वनूल सुनन्दा का पावन धाम है जहां रहती है भगवती स्वनूल, यहां गणेश समेत मां स्वनूल की मूर्तियां हैं मन्दिर के पास केवल तीन ही ब्रह्म कमल होते हैं। मन्दिर के पास ही मां स्वनूल का सरोवर है। यह दिव्य शक्तिपुंज स्थान बड़ा पावन एवं पवित्र है। जहां अनुपम शान्ति एवं असीम आनंद की अनुभूति होती है। इस पावन धाम शक्तिपीठ का वर्णन महाभारत के वन पर्व में भी हुआ है जब वनवास के दौरान पांडव यहां से सोना भरकर ले गये थे।
जागरों में भी भगवती को सोना शिखर से बुलाया जाता है। यक बैण रैंदी मेरी सोना शिखरे कहा जाता है कि जब देवी मायके आती है तो सूप्पे में सोना भरकर लाती है। यह भी कहा जाता है कि इस सरोवर के पास भाग्यशाली लोगों को सोने की दिव्य तलवार के दर्शन भी होते हैं। पैतासार हवेगी तेरु सोनू मुटठू खानू जिसका जागरों में भी उल्लेख है। यहां जाने के लिये उर्गम से भर्की होते श्री फ्यूलानारायण मन्दिर से भनाई चांई फुलाना होकर सोना शिखर पहुंचा जाता है। यहीं से आप चनाप घाटी होते हुये थैंग भी जा सकते हैं। दूसरी ओर से जोशीमठ थैंग चनाप घाटी होते हुए सोना शिखर भनाई फ्यूलानारायण उर्गम घाटी पहुंच सकते है सोना शिखर की यात्रा लोकजात से पहले करनी होती है जिसके लिए अनुभवी गाइड की जरूरत होती है जो पूर्णं रूप से धार्मिक होती है। भगवती स्वनूल देवी को सोना शिखर से जागरों के माध्यम से बुलाया जाता है ।