बेमरू लाटू और स्यूंण की छंतोली मां नंदा को बुलाने कैलाश रवाना
पौराणिक परंपरा के अनुसार द्ख्यार पट्टी में मां नंदा को बुलाने की परंपरा है। जो वर्षों से चली आ रही है। आज भी क्षेत्र के लोग इस परंपरा को निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। मां भगवती नंदा को बुलाने के लिए आज बेमरू से लाटा लिंग की अगुवाई में छंतोली कैलाश के लिए हुई रवाना, रात्रि विश्राम बड़े भाई डुमक बजीर के मंदिर में करेंगे।आज बेमरू लाटू की छंतोली लेकर नीरज रावत (सोनू) गांव में पूजा अर्चना और मौसमी फल लेकर मां नंदा को बुलाने गये। वहीं स्यूंण गांव से भी मां नंदा को बुलाने के लिए छंतोली चल दी है।
रविवार को डुमक में क्षेत्र की दर्जनभर छंतोली पहुंचेगी और रात्रि जागरण कार्यक्रम होंगे। पौराणिक परंपरा के अनुसार क्षेत्र में मां नंदा को बुलाने की परंपरा है। जिसको आज भी निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है। सोमवार को बड़े भाई डुमक बजीर और छोटे बेमरू लाटा लिंग की अगुवाई में मां भगवती नंदा देवी को बुलाने के लिए जाएंगे। बेमरू के युवा सोहन सिंह ने बताया कि मां भगवती नंदा को बुलाकर गांव लाते हैं। गांव पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा मां नंदा भगवती का भव्य स्वागत किया जाता है। और गांव में एक सप्ताह तक बड़ा उत्सव मनाया जाता है।