मानसून सीजन शुरू होते ही जिले में भारी बारिश होने से नेशनल हाईवे के साथ ग्रामीण क्षेत्र में मोटर मार्ग भूस्खलन होने से बाधित हो रही है। नेशनल हाईवे खोलने के लिए तो प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है, लेकिन ग्रामीणों की आवाज प्रशासन को सुनाई नहीं दे रही है। जिसके चलते भारी बारिश से बेमरू – स्यूंण मोटर मार्ग एक सप्ताह से बंद पड़ा है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही को मजबूर हैं।
पिछले सप्ताह मौसम विभाग द्वारा आरेंज अलर्ट जारी किया गया था। जिसके चलते चमोली जिले में भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे के साथ ग्रामीण सड़क बाधित हो गई थी। बदरीनाथ हाईवे तो प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर कार्य कर खोल दिया गया। लेकिन दशोली के अंतिम गांव स्यूंण मोटर मार्ग भूस्खलन होने से 28 जून से बंद पड़ा है। इसको खोलने के लिए प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके चलते ग्रामपंचायत स्यूंण – लुंदाऊ के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही के लिए मजबूर हैं। ग्राम प्रधान स्यूंण मनोरमा देवी ने बताया कि शासन – प्रशासन को इसकी शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिससे ग्रामीणों द्वारा मूलभूत सुविधाओं के लिए जान जोखिम में डालकर आवाजाही के साथ ही छह किमी पैदल चलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि छह जुलाई से विद्यालय खुल रहे हैं ऐसे में छात्रों को भी परेशानी उठानी पड़ेगी। जिसको लेकर अभिभावक चिंतित हैं। समाजिक कार्यकर्ता अरूण राणा ने बताया कि ठेकेदार द्वारा भूस्खलन क्षेत्र से अपनी ठेकेदारी के लिए पत्थर तोड़कर अन्य जगह दीवार बनाई जा रही है। लेकिन बड़ी मशीन होने के बाद भी सड़क नहीं खोली जा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ठेकेदार से पूछा गया कि सड़क क्यों नहीं खोली जा रही है ? ठेकेदार का कहना है कि विभाग द्वारा उन्हें अभी पिछले आपदा में किए कार्य का ही भुगतान नहीं किया गया इसलिए नहीं खोला जा रहा है। अब सवाल उठता है कि ठेकेदार केवल अपने जेब भरने के लिए ही ठेकेदारी कर रहा है या फिर उसकी कोई समाजिक जिम्मेदारी भी है? ग्रामीणों का कहना है कि जल्द ही मोटर मार्ग नहीं खोला गया तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।