बदरीनाथ : 13 नवंबर को पंच पूजाओं के साथ बदरी विशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया होंगी शुरू, मंदिर समिति ने की तैयारियां

Team PahadRaftar

संजय कुंवर

बदरीनाथ : श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद की प्रक्रिया कल से शुरू होगी, इसको लेकर बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ने सभी तैयारियां पूरी कर दी है। 13 नवंबर से पंच पूजाएं होंगी शुरू और 17 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे। इस यात्रा सीजन में अबतक करीब 13 लाख  82 हजार श्रद्धालुओं ने नारायण के दर्शन कर पुण्य अर्जित किए।

विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार 17 नवंबर को रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत बुधवार 13 नवंबर से पंच पूजाएं शुरू होंगी। कपाट बंद की प्रक्रिया के अवसर पर श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय मौजूद रहेंगे। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कि श्री पंचपूजाओं के अंतर्गत कल बुधवार को पहले दिन भगवान गणेश की पूजा होगी। शाम को इसी दिन भगवान गणेश के कपाट बंद होंगे।
दूसरे दिन बृहस्पतिवार 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे। तीसरे दिन शुक्रवार 15 नवंबर को खड़ग – पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा। चौथे दिन शनिवार 16 नवंबर मां लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग चढ़ाया जायेगा रविवार 17 नवंबर को रात 9 बजकर 07 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो जायेंगे। वहीं सोमवार 18 नवंबर को श्री कुबेर जी एवं उद्धव जी सहित रावल जी सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेगी। श्री उद्धव एवं श्री कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी सोमवार 18 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के बाद मंगलवार 19 नवंबर समारोह पूर्वक गद्दीस्थल श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी इसी के साथ शीतकालीन प्रवास श्री पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में
शीतकालीन पूजाएं आयोजित होंगी।

कपाट बंद की प्रक्रिया के बारे में बताया कि पंच पूजाओं को रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट संपन्न करेंगे। इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्यगण, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, सहित सभी अधिकारी कर्मचारी, तीर्थ पुरोहित हक- हकूहकधारी तथा श्रद्धालुजन मौजूद रहेंगे। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड चार धाम में से श्री केदारनाथ, यमुनोत्री गंगोत्री धाम के कपाट नवंबर पहले सप्ताह बंद हो चुके हैं। श्री तुंगनाथ जी के कपाट भी बंद हो चुके है श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे।

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