संजय कुंवर
बदरीनाथ : बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद।
सेना के बैंड की मधुर धुनों और बोल बदरी विशाल जी की जय के जयकारे के साथ बन्द हो गए भू बैकुंठ नगरी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट, बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व मुख्य पुजारी बंदे रावल जी अमरनाथ नंबूदरी की अगुवाई में श्री बदरी विशाल जी को ओढ़ाया गया आस्था और आत्मीयता से बुना गया घृत कंबल, माता महा लक्ष्मी को रखा गया श्री बदरी विशाल जी के सानिध्य में, इससे पूर्व श्री उद्धव जी और कुबेर जी को दूसरे द्वार से मंदिर परिसर में लाया गया, ठीक 9 बजकर 7 मिनट पर भगवान श्री बदरी विशाल जी के मंदिर के श्री कपाट विधि विधान पूर्वक शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए है, अब बद्रीनाथ मंदिर गर्भ गृह में श्री हरि नारायण प्रभु माता लक्ष्मी जी के साथ शीतकाल में जगत कल्याण हेतु पद्मासन रूप में साधना रत है, अब आज से जगत पालन हार श्री हरी नारायण प्रभु की नित्य पूजा अर्चना का दायित्व शेष 6 माह के शीतकाल हेतु देवताओं द्वारा संपादित किया जाएगा, वहीं उद्धव जी और कुबेर जी की देव डोलियां कल प्रातः काल बाद पांडु नगरी पांडुकेश्वर अपने शीतकालीन प्रवास के लिए रवाना हो जाएंगे। इस अवसर पर धर्माधिकारी श्री राधाकृष्ण थपलियाल,वेदपाठी रवींद्र भट्ट,वेदपाठी अमित बन्दोलिया,मुख्यकार्याधिकारी,विजय थपलियाल,अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित अन्य उपस्थित रहे।