
बदरीनाथ । बदरीकाश्रम क्षेत्र के रक्षपाल और अराध्य देव भगवान घंटाकर्ण कैलाश की दिवारा यात्रा संपन्न हो गई है। अपने भक्तों को दर्शन और आशीर्वाद देने के बाद घंटाकर्ण भगवान अपने मूल मंदिर में विराजमान हो गए हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उत्तराखंड में जब हरिद्वार महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। तो बदरिकाश्रम के रक्षपाल भगवान घंटाकर्ण कैलाश की दिवारा यात्रा भी आयोजित करने की परंपरा है। इस पौराणिक परम्परा का निर्वहन करते हुए पांडुकेश्वर के साथ ही आसपास के ग्रामीणों की ओर से इस वर्ष दिवारा यात्रा का आयोजन किया। पांडुकेश्वर घंटाकरर्ण कैलाश की दिवारा यात्रा वसुधारा जल प्रपात स्नान कर भगवान नारायण से भेंट कर पाडुकेश्वर में मंदिर में जांति कौथीग के साथ सम्पन्न हुई। यात्रा के सामापन के मौके पर यहां श्रद्धालुओं ने भगवान घंटाकर्ण की पूजा-अर्चना कर मनौतियां मांगी। कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष ग्रामीणों की ओर से सादे समारोह में दिवारा यात्रा का आयोजन किया गया। स्थानीय ग्रामीण रामनारायण भंडारी ने बताया कि यात्रा के दौरान बदरीनाथ और वसुधारा के मध्य