बदरीनाथ धाम : आध्यात्मिक शांति सतोपंथ सरोवर की यात्रा शुरू, 14 सदस्यीय दल हुआ रवाना

Team PahadRaftar

उच्च हिमालय पर स्थित सत्य पथ तीर्थ सतोपंथ सरोवर की यात्रा शुरू, वन विभाग ने जारी किए परमिट 

संजय कुंवर, बदरीनाथ धाम

उच्च हिमालई क्षेत्र में 4600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सत्य पथ सतोपंथ तीर्थ के लिए पथारोहन की अनुमति आज से जारी होने पर एडवेंचर टूरिज्म सहित तीर्थाटन प्रेमियों ने खुशी जताई है। आध्यात्मिक शांति का केंद्र उच्च हिमालई तीर्थ सतोपंथ ताल की यात्रा भी आज से शुरू हो गई। सत्य पथ के नाम से प्रसिद्ध इस तीर्थ स्थल के लिए सुहावने मौसम के साथ आज से नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन ने इस पवित्र सरोवर तक के पथारोहण, तीर्थाटन,सहित प्रकृति पर्यटन के अनुमति दे दी है।

लिहाजा आज से ही इस आध्यात्मिक स्थल के दर्शन के लिए बदरीनाथ धाम से पहला आध्यात्मिक पर्यटक दल 5 दिवसीय सतोपंथ सरोवर अभियान के लिए रवाना हो गया है। इस सीजन के पहले धार्मिक पर्यटन दल को माणा तक भेजने गए स्थानीय पर्यटन एजेन्सी द्रोण एडवेंचर के नरेंद्र सिंह ने बताया की रविवार को श्री बदरी विशाल के कपाट खुलने के बाद से इस पवित्र सतोपन्थ स्वर्गारोहिणी धाम की ट्रैकिंग के लिए अनुमति जारी हो गई है। लिहाजा उनका कोलकाता का 14 सदस्यीय आध्यात्मिक पर्यटक दल बदरी विशाल जी के जयकारे के साथ आज से इस सत्य पथ के लिए रवाना हो चुका है। यह दल लक्ष्मी वन, सहस्त्र धारा चक्र तीर्थ होकर पवित्र सतोपंथ सरोवर पहुंचेगा, जहां दल सरोवर में दिव्य स्नान कर पूजा पाठ भी करेगा, दल के साथ जोशीमठ क्षेत्र के कपिल राणा पथ प्रदर्शक के रूप में दल के साथ जुड़े हैं, इस तिकोने सतोपंथ ताल की प्राकृतिक सुंदरता लगा देती है चार चाँद। सूबे की 4600मीटर पर एकमात्र उच्च हिमालयी तिकोनी झील है सतोपंथ ताल।साल की एक खास एकादशी को इस पवित्र सरोवर के तीनों कोनों में साक्षात त्रिदेव पहुँचते दिव्य स्नान के लिए। मान्यता है की इसी सत्य पथ सतोपंथ स्वर्गारोहिणी रूट पर पांडव स्वर्गारोहिण के लिए निकले थे। इसी मार्ग पर सभी पांडव भाईयो ने द्रोपदी सहित एक एक कर देह त्यागी थी, सिर्फ धर्मराज युधिष्ठिर और एक श्वान के साथ शशरीर इसी स्थल से स्वर्गारोहिणी की सीढ़ी पार कर स्वर्ग पहुंचे थे।
दरअसल बदरीनाथ धाम से 30 किलोमीटर दूर है यह धर्म क्षेत्र सतोपंथ।सतोपंथ स्वर्गारोहिणी तीर्थ स्थल हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है।इसी ताल के समीप महाबली भीम ने त्यागी थी देह।यहाँ से आगे स्वर्गारोहिणी के लिए धर्मराज युधिष्ठिर के साथ चला था एक श्वाँन।
श्री बदरी नाथ धाम के कपाट खुलने के बाद और अलक नन्दा घाटी क्षेत्र में मौसम खुलने के बाद एक बार फिर से सतोपंथ सरोवर की यात्रा शुरू हो गई है। सतोपंथ में भी तीर्थयात्री पहुंचने लगे हैं। बता दें की प्रति वर्ष इस उच्च हिमालई आध्यात्मिक स्थल में आध्यात्मिक शांति के लिए पथारोहियों का तांता लगा रहता है।

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