ऊखीमठ। पीएमजीएसवाई की अनदेखी के कारण ऊखीमठ – उनियाणा – अकतोली मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है, जिससे मदमहेश्वर घाटी के दर्जनों गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर सफर तय करना पड़ रहा है! स्थानीय जनप्रतिनिधियों व मदमहेश्वर घाटी विकास मंच द्वारा मोटर मार्ग के सुधारीकरण के लिए तहसील परिसर में आन्दोलन भी किया गया फिर भी मोटर के हालात जस के तस्वीर बने हुए हैं । विभाग द्वारा समय – समय पर मोटर मार्ग के रख – रखाव पर लाखों रुपये पानी की तरह बहाया तो जाता है फिर भी मोटर मार्ग पर बने गड्ढे विभाग की कार्य प्रणाली उजागर कर रहे हैं। इन दिनों विभाग द्वारा बरसात से क्षतिग्रस्त पुस्तों व सुरक्षा दीवालों का निर्माण कार्य लाखों रुपये की लागत से तो किया जा रहा मगर पुस्तों व सुरक्षा दीवालों के निर्माण कार्य में भी गुणवत्ता को दर किनार किया जा रहा है जिससे स्थानीय जनता में विभाग के प्रति आक्रोश बना हुआ है जो कि कभी भी सड़कों पर फूट सकता है!
बता दे कि ऊखीमठ – उनियाणा – अकतोली मोटर मार्ग लोक निर्माण विभाग से पी एम जी एस वाई को स्थान्तरित होते ही विभाग ने 3 जुलाई 2014 में 865:50 लाख रुपये की लागत से मोटर मार्ग का विस्तारीकरण व डामरीकरण कार्य शुरू तो किया मगर मोटर मार्ग पर हुए निर्माण कार्यो में गुणवत्ता को दरकिनार किये जाने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी! विभागीय मानकों के अनुसार मोटर मार्ग का विस्तारीकरण व डामरीकरण का कार्य 3 जनवरी 2016 को पूरा तो किया गया मगर मोटर मार्ग दूसरी तरफ से खण्डहर में तब्दील होता गया! विभाग मानकों के अनुसार 3 जनवरी 2021 तक मोटर मार्ग के अनुरक्षण पर 1 करोड 52 लाख रुपये व्यय किये गये मगर अनुरक्षण की लागत धरातल पर कब व विभागीय अधिकारियों की जेब में अधिक व्यय होने से मोटर मार्ग आज गढ़डो में तब्दील होता जा रहा है!
वर्ष 2018 में मदमहेश्वर घाटी के जनप्रतिनिधियों व मदमहेश्वर घाटी विकास मंच द्वारा तहसील परिसर में आन्दोलन कर मोटर मार्ग के सुधारीकरण की मांग तो की थी मगर उन्हें भी विभाग से कोरे आश्वासन ही मिले! इन दिनों विभाग द्वारा लाखों रुपये की लागत से बरसात से क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवालों व पुस्तो का निर्माण तो किया जा रहा है मगर यहाँ भी विभागीय अधिकारियों के मोटे कमीशन के चक्कर में गुणवत्ता को दर किनार किया जा रहा है! मदमहेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भटट्, शिवसिंह रावत ने बताया कि मोटर मार्ग अधिकांश स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है! वही विभागीय अधिकारियों से वार्ता करने चाही मगर सम्पर्क नहीं हो पाया।