घायल को आठ किमी पैदल कुर्सी की पालकी से लाए सड़क तक, फिर पहुंचाया अस्पताल
चमोली जिले के ईराणी गांव की युवती छत से गिरकर घायल हो गई। बेहोशी की अवस्था में ग्रामीण युवती को आठ किमी पैदल ही कुर्सी की पालकी से सड़क तक लाए। यहां से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां घायल का इलाज चल रहा है।
ईराणी गांव की संतोषी पुत्री कलम सिंह अपने घर की छत पर कार्य कर रही थी। इसी दौरान वह फिसलकर नीचे गिर गई। छत से गिरने के बाद वह गंभीर चोट लगने के कारण बेहोश हो गई। ग्रामीणों द्वारा कुर्सी की पालकी बनाकर संतोषी को आठ किमी पैदल पगना व फिर यहां से जिला अस्पताल लाया गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है।
चमोली जिले के दूरस्थ गांव ईराणी की यह विडंबना अाज की नहीं है। गांव में स्वास्थ्य सुविधा न होने के कारण हल्की सी बीमारी में भी मीलों पैदल चलकर अस्पताल पहुंचना यहां के ग्रामीणों की मजबूरी है। इस गांव के लिए सड़क तो स्वीकृत हुई है। जिसकी कटिंग भी ईराणी गांव तक हो चुकी है। परंतु झींझी से ईराणी के बीच पांच पुलों का निर्माण होना है। जिसके बाद गांव तक वाहन पहुंचेगा। सरकार व प्रशासन लापरवाही के कारण आज तक इन पुलों का िनमाüण नहीं हो पाया है। जिससे गांव तक वाहन नहीं पहुंच पा रहा है।
ईराणी गांव के प्रधान मोहन सिंह नेगी का कहना है कि कई बार गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र की मांग की जा चुकी है। बताया कि सड़क की कटिंग के बाद पुलों के निर्माण में तेजी न होने के कारण भी गांव आज तक यातायात सुविधा से वंचित है। बताया कि एक सप्ताह पूर्व ही उचित इलाज न मिलने के कारण दो ग्रामीणों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। उन्होंने ईराणी सड़क पर पुलों के जल्द निर्माण व गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने की मांग की।