औली : डब्ल्यूआइआइ बर्ड वाचिंग के तीसरे दिन गोँख फॉरेस्ट में वर्डिटर फ्लाईकैचर, हिमालयन स्विफटेट, वाइट थ्रोटेड लाफिंग थ्रश,हिमालई ग्रिफोन रहे आकर्षण
संजय कुंवर,औली,जोशीमठ
पर्यटन स्थली औली के आसपास के ईको टूरिज्म फॉरेस्ट सर्किट में नेचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय युवाओं और पर्यटन, होम स्टे कारोबार से जुड़े लोगों को बर्ड वाचिंग के जरिए स्वरोजगार देने की एक पहल भारतीय वन्य जीव संस्थान द्वारा की जा रही है।
जिसके तहत जोशीमठ क्षेत्र के ईको टूरिज्म कारोबार से जुड़े 22 युवक युवतियों को बर्ड वाचिंग का 5 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। क्षेत्र में पहली बार इस तरह के प्रकृति पर्यटन कैम्प में युवाओं को औली,गोरसों,गोंख,जगथाली, मनोटी,के सघन जंगलों में बर्ड वाचिंग शिविर लगाकर हिमालई पक्षियों का अवलोकन कराया जा रहा है, बर्डिग के आज तीसरे दिन युवाओं को सुनील जगथली फॉरेस्ट सर्किट में पक्षी अवलोकन कर जानकारी दी गई,आज विशेष रूप से वर्डिटर फ्लाईकैचर, ग्रे बुश चैट, हिमालयन स्विफटेट, वाइट थ्रोटेड लाफिंग थ्रश,बैबलर, हिमालयन ग्रिफोन,ग्रेट बार्बेट, जेसे पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवासों के आसपास खोजकर उनका अवलोकन कराया गया।
बता दें की बर्ड वाचिंग मूल रूप से प्रकृति पर्यटन के तहत जंगली पक्षियों को उनके ही नेचुरल इन्वायरमेंट में बृहद अवलोकन करने की विधा को कहा जाता है। सीधे तौर पर कहें तो बर्ड वाचिंग पक्षियों की गतिविधियों को देखने को ही कहते है। वर्तमान समय की भागम भाग और तनाव से भरी जिन्दगी में हर किसी के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिसके चलते लोग कई तनाव युक्त बिमारियों का शिकार हो रहे हैं। इस मुश्किल हालातों से छुटकारा पाने के लिए ‘प्रकृति से अच्छी दवाई और कोई नही है।’तनाव को कम करने के लिए आप प्रकृति के सानिध्य में कुछ पल बिताकर मानसिक स्वास्थ्य को और बेहतर बना सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस तनाव पूर्ण भाग-दौड़ वाली जिन्दगी से परेशान हो गए हैं तो आपके पास बर्डवॉचिंग एक बेहतर ऑप्शन है, अपने दिलो दिमाग को ठंडा शांत और सुकून पहुंचाने के लिए एक अच्छा तरीका हो सकता है पक्षी अवलोकन। बर्डवॉचिंग से मानसिक स्वास्थ्य पर बेहद असर पड़ता है। ऐसे में अगर आप प्रकृति की तुलना में पक्षियों को निहारेगें तो आप काफी हद तक तनाव से छुटकारा पा सकते हैं। वन्य जीव संस्थान द्वारा जोशीमठ औली क्षेत्र में चलाए जा रहे इस बर्ड वाचिंग कैम्प से लाभाविंत होकर ये लोकल ईको पर्यटन कारोबारी यहां आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को ट्रेकिंग, कैम्पिंग, स्किंग, एडवेंचर के साथ साथ अब बर्ड वाचिंग के लिए भी ले जा सकेंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकेंगे।