औली : करोड़ों की लागत का ओपन आईस स्केटिंग रिंग बदहाल, जिम्मेदार कौन?

Team PahadRaftar

औली: ये कैसा विकास ? करोड़ों की लागत का ओपन आईस स्केटिंग रिंग बदहाली के कगार पर, मकड़ी के जालों के साथ दोपहर में भी लाइटें खुली नजर आ रही।

संजय कुंवर,औली

जोशीमठ : विंटर डेस्टिनेशन औली में प्रदेश सरकार द्वारा साहसिक पर्यटन स्नो स्कीइंग के साथ-साथ आईस स्केटिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य को लेकर वर्ष 2019/2000 में करोड़ों की लागत के साथ ओपन आईस स्केटिंग रिंग के निर्माण के साथ इस खेल के लिए जरूरी अवस्थापन सुविधाएं औली में जुटाई गई। ताकि औली आने वाले पर्यटक स्कीइंग के साथ – साथ ओपन आईस स्केटिंग का भी लुफ्त उठा सकें और इससे स्थानीय युवाओं का आईस स्केटिंग क्लब बना कर इस नए विंटर स्पोर्ट्स से बढ़िया स्वरोजगार मिल सके।

स्वरोजगार मिलना तो दूर रहा इस अधूरे बने आईस स्केटिंग रिंग की क्या दुर्दशा हो गई है आप खुद इन तस्वीरों में देख सकते हैं। यहां तो मकड़ी के जालों से सने बन्द कमरों में बिजली के बल्ब भी 24घण्टे जले हुए नजर आ रहे हैं,ये दुर्भाग्य है औली का यहां पर्यटन विभाग/जीएमवीएन के मार्ग दर्शन में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी आज तक सिंगापुर की तर्ज पर महज फाइलों में तैयार हुए इस ओपन आईस स्केटिंग रिंग का उद्घाटन बतौर पर्यटन मंत्री सतपाल जी महाराज द्वार वर्ष 2019में कर दिया गया।लेकिन पर्यटन मंत्री उत्तराखंड के द्वार उद्घाटन करने के बाद से आज 4 साल बीत जानें के बाद भी इस आईस स्केटिंग रिंग पर न तो बर्फ की परत जमी, नही यहां कोई इवेंट हो पाए? हां यहां रिंग के आसपास वीरानी छाई हुई है। आखिर सवाल उठना लाजमी है कि जब काम ही अधूरा था आईस स्केटिंग रिंग का तो पर्यटन विभाग को और संबंधित विभाग को इतनी जल्दी क्या थी की पर्यटन मंत्री से आधा अधूरा निर्माण कार्य को पूरा दिखा कर वाह वाही लूटने के लिए। इस आईस रिंग का ओपनिंग जीएमवीएन जोशीमठ में करा दिया गया। जानकारों का कहना है कि अगर तत्कालीन पर्यटन मंत्री जोशीमठ की बजाय खुद औली में धरातल पर पहुंच कर ओपनिंग से पूर्व इस आईस रिंग को एकबार देख लेते तो आज ये स्थिति सामने नही आती। इस आईस रिंग की बदहाली का आलम आप देख सकते है यहां 4सालों से यहां आज भी कछुआ चाल से काम चल रहा है,जबकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने 2019 में यहां ओपनिंग के दौरान ही जिला पर्यटन अधिकारी चमोली को आदेश दिए थे कि जल्द रसियन एम्बेसी से संपर्क कर यहां रसियन बैली डांस इवेंट्स का आयोजन का प्रस्ताव भेजा जाय। लेकिन मंत्री जी को क्या मालूम था कि ये आईस स्केटिंग का निर्माण कार्य सिर्फ विभाग की फाइलों में पूर्ण हुआ है। अभी तो करोड़ों का बजट और इस पर लगना है। तब से आज तक न यहां कोई आयोजन हुआ है और न कोई इसका पूछने वाला है। स्केटिंग रिंग के समीप बने चेंजिंग रूम और रेस्टोरेंट के बाहर मकड़ी का जाला और कमरों के अंदर लम्बे समय से जल रही लाइटें साफ बयां कर रही है कहानी की लम्बे समय से यहां कोई आवाजाही नही हुई है। वहीं कुछ ट्रैकिंग के शौकिया युवाओं ने ये तस्वीरे साझा करते हुए बताया कि यहां के कमरों में मकड़ी का जाला तो दिख ही रहा साथ ही चेंजिंग रूम की लाइटें भी 24घंटे खुली छोड़ी गई है। जबकि यहां कोई दूर – दूर तक नजर नही आया है, ऐसे में जब सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा 4साल पूर्व इस करोड़ों की लागत से बने ओपन आईस स्केटिंग रिंग का ओपनिंग कर चुके है तो आखिर वो क्या कमियां है जिसकी वजह से आजतक यहां कोई आईस स्केटिंग के इवेंट्स नही हो पाए है और रिंग में आज तक बर्फ नही जम सकी। जबकि 4करोड़ से ऊपर का बजट इस प्रोजेक्ट पर अबतक खर्च हो चुके हैं, औली की इस खूबसूरत लोकेशन में बनी ओपन आईस स्केटिंग रिंग की बदहाली का जिम्मेदार आखिर कोन होगा ये सोचने वाली बात है।

Next Post

उत्तराखंड लोक विरासत में ढोल गर्ल वर्षा बंडवाल और रिंगाल मैन राजेन्द्र बडवाल रहे आकर्षण का केंद्र

उत्तराखंड लोक विरासत में ढोल गर्ल वर्षा बंडवाल और रिंगाल मैन राजेन्द्र बडवाल रहे आकर्षण का केंद्र पीपलकोटी देहरादून में आयोजित दो दिवसीय उत्तराखंड लोक विरासत में सीमांत जनपद चमोली के गडोरा (पीपलकोटी) की वर्षा बंडवाल का ढोल वादन और रिंगाल मेन राजेन्द्र बडवाल के रिंगाल के उत्पाद आकर्षण का […]

You May Like