जोशीमठ के सीमांत तपोवन गांव में आर्मी द्वारा पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 100 से अधिक पशुओं का उपचार किया गया।
सीमांत जोशीमठ क्षेत्र में पशुपालन लोगों की आजीविका का मुख्य साधन रहा है। आज भी गाय, भैंस, बकरी और घोड़े खच्चर यहां बड़ी संख्या में पाले जाते हैं। लेकिन समय पर पशुओं को चिकित्सा सुविधा न मिलने पर कई बार पशु दम तोड देता है। जिससे पशुपालकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि जोशीमठ में पशु चिकित्सा केंद्र है पर डाक्टर ही नहीं है! जिसके चलते लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वहीं मंगलवार को आर्मी द्वारा तपोवन में निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। जिसमें 100 से अधिक गाय, भैंस, कुत्ते, घोड़े, खच्चरों को इंजेक्शन व दवाईयां दी गई। आर्मी के पशु चिकित्सक पीयूष बिष्ट ने कहा कि सीमांत के लोगों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन है ऐसे में समय – समय पर पशुओं का उपचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्मी द्वारा लोगों को हर संभव मदद किया जाएगा। पशु प्रेमी ज्योति सेमवाल ने कहा कि सरकार को सीमांत पहाड़ी गांवों में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर बेजुबान पशुओं का उपचार किया जाना चाहिए। समाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश डोभाल ने कहा कि तपोवन क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि हुई है। जिससे राहगीरों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को भी सीमांत क्षेत्र में पशु चिकित्सा कैंप लगाना चाहिए जिससे लोगों को इसका लाभ मिल सके। साथ ही उन्होंने आर्मी पशु चिकित्सा शिविर के लिए पुरी टीम का अभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संतोष पंत, विवेक पंवार, संदीप नौटियाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।