रंग-रोगन, साज सज्जा के बाद संवरने लगा फ्यूला नारायण धाम,कल खुलेंगे कपाट
जोशीमठ : उर्गम घाटी के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित समुद्र तल से करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर भगवान फ्यूला नारायण मंदिर के कपाट कल श्रावण सक्रांति पर्व पर विधि विधान से पुष्प श्रृंगार के साथ खोल दिये जायेंगे । कपाट खुलने को लेकर मंदिर समिति फ्यूला नारायण धाम के फ्रेंड्स ग्रुप युवा समिति से जुड़े युवाओं द्वारा मंदिर परिसर का रंग रोगन सहित साफ सफाई की जा रही है, क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता डी० एस० चौहान नें बताया कि कल श्रावण सक्रांति के पावन पर्व पर दिन में भगवान फ्यूला नारायण भगवान के कपाट आम भक्तजनों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। इससे पूर्व मंदिर को सुंदर बुग्याली पुष्पों से सजाया जा रहा है।
कपाट खुलने पर फ्यूला नारायण धाम में भजन कीर्तन के साथ भंडारा प्रसाद का भी आयोजन होगा।कल्प घाटी के आधा दर्जन गाँव भेटा ,भर्की, गवाणा ,अरोशी सहित उर्गम घाटी के लोग फ्यूला नारायण धाम कपाट खुलने को लेकर फ्यूला नारायण धाम पहुंचकर भगवान को सत्तू व मक्खन का भोग लगाते हैं। इस क्षेत्र में उगने वाला विशेष फूल फ्यूला की वजह से भगवान को फ्यूला नारायण कहा जाता है। मंदिर दक्षिण शैली में बना पौराणिक मंदिर है। भगवान फ्यूला नारायण का श्रृंगार फ्यूला नाम के बुग्याली पुष्पों से किया जाता है। इस वर्ष श्रृंगार के फूलों को उगाने वाली महिला गोदाम्बरी देवी का कहना है कि भगवान का फूल श्रृंगार कपाट खुलने से एक माह तक किया जाता है। हर दिन फुलवारी से फूल तोड़कर भगवान फ्यूलानाराण का श्रृंगार किया जाता था। भगवान के भोग के लिए गाय का दूध व मक्खन प्रयोग में किया जाता है।