जोशीमठ के पौराणिक नृसिंह मंदिर पहुंची आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी,अब अगले छह माह यहीं होंगे दर्शन। शीतकालीन यात्रा का भी हुआ शुभारंभ। वहीं आज बदरीनाथ धाम के कपाट बन्द होने के तीसरे दिन देव डोली यात्रा योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर से रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के नेतृत्व में जोशीमठ पहुंची। जहाँ नरसिंह मंदिर, सिंहधार महिला मंगल दल की कीर्तन मंडली की महिलाओं ने देव डोलियों और रावल जी पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
योग-ध्यान मंदिर पांडुकेश्वर में रात्रि विश्राम के बाद आदि शंकराचार्य की गद्दी सोमवार को विधि-विधान पूर्वक नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजमान हो गई। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान गद्दी के दर्शन किए। इसी के साथ योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ में भगवान बदरी नारायण की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गई हैं। इस यात्रा में बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य के प्रतिनिधि सहित उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह आदि शामिल थे। इस दौरान कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने गद्दी यात्रा का स्वागत किया। गौरतलब है कि शीतकाल के दौरान जहां भगवान नारायण अपने दर्शन योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में देंगे तो वहीं शंकराचार्य गद्दी के दर्शन जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होंगे।