विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष एवं पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने को लेकर शुक्रवार को जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में सभी राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों, प्रिटर्स एवं मीडिया प्रतिनिधियों के साथ क्लेक्ट्रेट सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में चुनाव प्रचार के दौरान कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करने और प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक एवं सोशल मीडिया पर विज्ञापनों का प्री-सर्टीफिकेशन और पेड न्यूज के संबध में विस्तार से जानकारी दी गई।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों को जनसभा, रैली करने के लिए स्थल एवं हॉल निर्धारित कर लिए गए हैं। इन निर्धारित स्थलों पर ही चुनाव प्रचार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी राजनैतिक दलों को कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए चुनाव प्रचार करना होगा। प्रचार के दौरान मास्क व सोशल डिस्टेसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जाए। डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार के लिए 5 लोगों को ही अनुमति रहेगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 80 प्लस और दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल वैलेट की सुविधा दी जा रही है। ऐसे इच्छुक नागरिक पोस्टल वैलेट से मतदान कर सकते हैं।
एमसीएमसी के नोडल अधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, मास्टर ट्रेनर शिखर सक्सेना एवं एपी डिमरी ने मीडिया प्रतिनिधियों एवं राजनैतिक दलों को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति के कार्यों और पेड न्यूज विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया कि सभी राजनैतिक विज्ञापनों का प्रसारण से पूर्व एमसीएमसी से प्रमाणीकरण किया जाना जरूरी है। विज्ञापन प्रसारण की तिथि से 72 घंटे पहले एमसीएमसी से सर्टीफिकेशन के लिए आवेदन करना होगा। विज्ञापनों में किसी तरह की गलत शब्द, सामप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली सामग्री, चरित्र हनन, व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप, न्यायालय की अवमानना, अन्तराष्ट्रीय संबधों को खराब करने वाली सामग्री नही होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त किसी भी दशा में आर्दश आचार संहिता का उल्लंघन नही होना चाहिए।
कर्यशाला में बताया कि ऐसी खबरें जो प्रिंट या इलेक्ट्रोनिक मीडिया में नकद या किसी दूसरे को फायदा के बदले प्रसारित की जाती है वो पेड न्यूज है। चूकि पेड न्यूज अप्रत्यक्ष रूप से विज्ञापन सामग्री का का कार्य करता है। इसमें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम सेक्शन 127 ए के तहत दो वर्ष की सजा तथा आरपी एक्ट 127ए(1) से आच्छादित है। बताया कि उम्मीदवार के नामांकन के दिन से पेड न्यूज का संज्ञान लिया जाता है। पेड न्यूज सिद्ध होने पर उम्मीदवार के चुनाव खर्चे में जुड़ने के साथ ही उम्मीदवार का नाम सीईओ की बेवसाइट पर डाला जाता है।
निर्वाचन आयोग मीडिया की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है। मीडिया किसी भी विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण कर सकते है। मतदान एवं मतगणना केन्द्रों के लिए मीडिया को प्राधिकार पत्र जारी किए जाते है। लेकिन मतदान केन्द्र पर पीठासीन अधिकारी का निर्णय अंतिम होता है। वोटिंग कम्पार्टमेंट के निकट जाना, वोट डालते समय फोटा, वीडियो बनाना प्रतिबंधित है। प्रथम चरण के मतदान प्रारभं होने से अंतिम चरण के मतदान समाप्ति तक किसी भी तरह का एक्जिट पोल नही प्रसारित किया जाएगा। अंतिम 48 घंटों में ऐसा कुछ भी प्रसारित न करें जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकता है। इस दौरान मीडिया से नए मतदाताओं का पंजीकरण एवं मतदान के लिए लोगों जागरूक करने की अपील भी की गई। कार्यशाला में मीडिया से दैनिक जागरण के ब्यौरा चीफ देवेन्द्र रावत, राष्ट्रीय सहारा के ब्यौरो चीफ महिपाल सिंह गुसाई व संवाददाता महानन्द बिष्ट, उप संपादक अमर उजाला प्रमोद सेमवाल, पीटीआई संवाददाता ओम प्रकाश भट्ट, दूरदर्शन संवाददाता शेखर रावत, पंजाब केसरी संवाददाता राजा तिवारी, दबी जुंआ से जगदीश पोखरियाल, स्वर्गारोहिणी संपादक विनोद रावत, गढवाल हेरिटेज संपादक सुरेन्द्र रावत, शाह टाइम्स से रणजीत नेगी, हिन्दुस्तान से विवेक रावत, संडे पोस्ट संवाददाता संतोष सिंह, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से कृष्ण कुमार सेमवाल, पुष्कर नेगी, अवतार सिंह आदि सहित कांग्रेस पाटी के मीडिया प्रभारी रविन्द्र सिंह, बीजेपी के नगर मीडिया प्रभारी चन्द्र शेखर, सीपीआई के जिला कमेटी सदस्य ज्ञानेन्द्र खंतवाल तथा प्रिटिंग प्रेस से जुडे लोग उपस्थित रहे।