पुराने रास्तों से उत्तराखंड के चारों धामों की पैदल ट्रेकिंग पूरी करने बाद उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) व ट्रेक द हिमालय का 25 सदस्यीय दल 06 दिसंबर को गोपेश्वर पहुॅचा। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने दल के सभी सदस्यों को ट्रेकिंग पूरी करने पर बधाई देते हुए टीम के अनुभवों को भी जाना।
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने ट्रेक द हिमालय के साथ मिलकर चारों धामों के पौराणिक मार्ग को पुर्नजीवित करने के उदेश्य से 25 अक्टूबर को ऋषिकेश से पैदल यात्रा शुरू की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दल को रवाना किया था। उल्लेखनीय है कि दशकों पहले चारधाम यात्रा ऋषिकेश से पैदल मार्ग से ही होती थी। सड़क सुविधा न होने के कारण तीर्थ यात्री इसी रास्ते से गंगोत्री, यमुनोत्री केदारनाथ व बदरीनाथ के दर्शन करने पहुंचते थे। उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऋषिकेश से चारों धाम तक पुराने रास्ते की तलाश शुरू की गई है। ताकि सदियोें पुरानी विरासत को संरक्षित रखा जा सके। इसके लिए एसडीआरएफ, पर्यटन, माउंटनेरिंग के विशेषज्ञों की 25 सदस्यों की टीम को भेजा गया। दल ने पुरानी पगडंडियों से होते हुए पूरे रास्ते का अध्ययन कर वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के साथ जानकारी एकत्रित कर ली है।
प्रोजेक्ट मैनेजर राकेश पंत ने बताया कि ऋषिकेश से पुरानी पगडंडियों से होते हुए यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ की करीब 1200 किलोमीटर पैदल यात्रा 43 दिनों में पूरी करने के बाद ट्रेकिंग दल गोपेश्वर पहुॅचा है। यहां से ऋषिकेश पहुंचने पर यात्रा का समापन होगा। ट्रेकिंग दल में सुधांशु तोमर, जसपाल पंवार, महेश चन्द्रा, नितेश खेतवाल, नरेन्द्र बिष्ट, नरेन्द्र उपराय, मुकेश नेगी, करन कक्कर, अभिषेक, विजयपाल, जसपाल रावत, संदीप, आयुष, बिल्लू नेगी आदि सदस्य शामिल है।