पदयात्रा में शामिल होकर स्थाई राजधानी गैरसैंण के आंदोलन को समर्थन दे रहे लोग

Team PahadRaftar

स्थाई राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर पदयात्रियों का कारवां लंगासू, कालेश्वर होते हुए कर्णप्रयाग पहुंच गया है। जगह जगह पदयात्रियों का भव्य स्वागत स्थानीय निवासियों द्वारा किया जा रहा है। जगह – जगह से लोग भी इस पदयात्रा में शामिल होकर स्थाई राजधानी गैरसैंण को अपना समर्थन दे रहे हैं।

पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे आंदोलनकारी प्रवीण काशी ने कहा कि स्थाई राजधानी गैरसैंण को लेकर गोपेश्वर से शुरू हुई इस पदयात्रा में कई पड़ावों से लोग शामिल होकर पदयात्रा में सिरकत कर रहे हैं। कालेश्वर में महिलाओं, बच्चों, युवाओं ने भी पदयात्रा के समर्थन में रैली निकाली। आंदोलनकारी प्रवीण काशी ने कहा कि स्थाई राजधानी गैरसैंण के नाम पर आज तक की सरकारों ने सिर्फ यहां के निवासियों के साथ छलावा किया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार द्वारा भी गैरसैंण को सिर्फ ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर अपने कर्त्तव्यों की इतिश्री कर दी गई है। कहा कि आम जनमानस आज भी चाहता है कि पहाड़ृ़ी प्रदेश उत्तराखंड की राजधानी पहाड़ में ही अर्थात गैरसैंण में ही हो। जनगीतों के साथ आगे बढ़ रही नंगे पैरों वाली इस पदयात्रा को जगह – जगह भरपूर समर्थन भी मिल रहा है।

Next Post

शीतकाल के लिए योगध्यान मंदिर में विराजित हुए भगवान बदरी विशाल - संजय कुंवर पांडुकेश्वर

शीतकाल के लिए योगध्यान मंदिर में विराजित हुए भगवान बदरी विशाल भगवान बदरी विशाल के सखा उद्वव जी व कुबेर जी की डोलियों के साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य की गददी पूजा अर्चना के बाद बदरीनाथ धाम से योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंची। इस दौरान जगह जगह डोली यात्रा का […]

You May Like