ऊखीमठ। सुविधा संस्था हल्द्वानी व उद्यान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इन दिनों जनपद के तीनों विकासखण्डों की 45 कलस्टरों में 2250 काश्तकारों को परम्परागत कृषि विकास योजना का द्वतीय वर्ष का तृतीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें काश्तकारों को जैविक खेती का प्रशिक्षण देकर काश्तकारों को आत्मनिर्भर बनाने के के गुर सिखाये जा रहे हैं तथा काश्तकारों को कृषि उपकरण भी वितरित किये जा रहे हैं। प्रशिक्षण में काश्तकार बढ़ – चढ़ कर भागीदारी कर रहे हैं। जानकारी देते हुए सुविधा संस्था के जिला समन्यवक दिनेश रतूड़ी ने बताया कि सुविधा संस्था हल्द्वानी व उद्यान विभाग के सयुक्त तत्वावधान में इन दिनों विकासखंड ऊखीमठ की ग्राम पंचायत , करोखी, कालीमठ, नाला, नारायण कोटी सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों,विकासखण्ड अगस्त्यमुनि की पाटा, पिपली, च्वीथ,,पीढा सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों तथा विकासखण्ड जखोली की त्यूखर, पाला कुराली,बुढना, लुढियाणा सहित 45 ग्राम पंचायतों के 2250 काश्तकारों को योजना के अन्तर्गत जैविक खेती की विस्तृत जानकारी के साथ वर्मी वायोट्रिकल ड्रम, स्प्रे मशीन आदि उपकरण भी वितरित किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में काश्तकारों को जैविक नियन्त्रण, नोडेय कम्पोस्ट, मटका खाद, हरी खाद, वर्मी बाश की जानकारी के साथ नगदी फसलों पर लगने वाले कीटों पर कैसे नियन्त्रण करे उसकी भी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि काश्तकारों को जैविक खेती उपयोग तथा जैविक खेती से होने वाले लाभों की जानकारी देने से काश्तकारों ने जैविक खेती अपनाने शुरू कर दी है तथा काश्तकारों को बहुत अधिक लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सुविधा संस्था व उद्यान विभाग के द्वारा प्रति दिन प्रत्येक गाँव में जाकर काश्तकारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा प्रशिक्षण में काश्तकार बढ़ – चढ़ कर भागीदारी कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि तीनों विकास खण्डों में नरेन्द्र नाथ व मयंक नौटियाल द्वारा काश्तकारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। काश्तकार बलवीर सिंह, पुष्पा देवी ने बताया कि सुविधा संस्था व उद्यान विभाग द्वारा दिये जा रहे प्रशिक्षण से हमारी फसलों में क्षमता से अधिक सुधार हुआ है। काश्तकार रजनी देवी, मुन्नी देवी ने बताया कि काश्तकारों को प्रशिक्षण मिलने से फसलों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है। काश्तकार प्रमोद सिंह, विजया देवी, ममता देवी ने बताया कि प्रशिक्षण में काश्तकारों को अनेक जानकारियां मिलने के साथ नगदी फसलों पर लगने वाले कीटों की रोकथाम की विस्तृत जानकारी मिल रही है तथा हम प्रयोग भी कर रहे हैं।