चमोली जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए तैनात 108 एंबुलेंस संचालकों की भारी लापरवाही सामने आई है। गोपेश्वर में 45 दिन के नवजात को सांस की बीमारी के बाद जब पिता ने 108 चिकित्सा वाहन सेवा को सूचना दी तो सूचना के एक घंटे बाद भी चिकित्सा वाहन महज डेढ़ किमी की दूरी पर नहीं पहुंच पाया। भारी बारिश में ही पिता ने नवजात को किसी तरह अस्पताल पहुंचाया।
बताया गया कि जिला मुख्यालय गोपेश्वर के दीनदयाल पार्क में किराए के कमरे पर रहने वाले झारखंड निवासी राम आसने की 45 दिन के नवजात को अचानक सांस लेने में दिक्कतें होने लगी। स्वजनों ने गोपेश्वर में मोबाइल का व्यवसाय करने वाले राम आसरे को इसकी जानकारी दी। राम आसरे ने तुरंत इसकी सूचना 108 चिकित्सा वाहन सेवा को दी। राम आसरे का कहना है कि उनका कमरा जिला चिकित्सालय से तकरीबन डेढ़ किमी की दूरी पर दीनदयाल पार्क के निकट स्थित है। बताया कि जिस समय नवजात को सांस की दिक्कत आई उस दौरान भारी बारिश शुरू हो गई थी। उनके पास निजी वाहन भी नहीं था। लिहाजा 108 चिकित्सा वाहन सेवा को फोन किया गया। बताया कि पहले तो 108 संचालकों ने तत्काल सेवा देने की बात कही।
एक घंटे बाद भी वाहन नहीं पहुंचा तो दुबारा 108 पर काल किया गया। तब उन्हें बताया गया कि उनके निकटवर्ती क्षेत्र के लिए संचालित 108 चिकित्सा वाहन सेवा अन्य जगह भेजा गया है। बारिश में ही नवजात को लेकर किसी तरह राम आसरे अस्पताल पहुंचा और उसका इलाज कराया। राम आसरे ने इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की है। उन्होंन कहा कि जब वह नवजात को लेकर अस्पताल पहुंचा तो वहां चार से अधिक एंबुलेंस खड़ी मौजूद मिली। सीएमओ डा.शिव प्रसाद कुड़ियाल ने बताया कि चमोली जिले में कुल 21 एंबुलेंस तैनात हैं। कहा कि 108 चिकित्सा वाहन सेवा को चिकित्सा सेवाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गैर जिम्मेदारी पर जानकारी लेने के बाद इसका संचालन कर रही संस्था पर कार्रवाई की जाएगी।