ऊखीमठ। पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की यात्रा के अहम पड़ाव चोपता सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है जिसका खामियाजा तुंगनाथ घाटी आने वाले तीर्थ यात्रियों, सैलानियों सहित स्थानीय व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। चोपता में पुलिस प्रशासन की स्थाई चौकी होने के बाद भी मुख्य बाजार चोपता में घन्टों जाम लगना आम बात हो गयी है।
तुंगनाथ यात्रा के अहम पड़ाव व मिनी स्वीजरलैण्ड नाम विख्यात चोपता सहित तुंगनाथ यात्रा पड़ावों पर फैली समस्याओं के निराकरण के लिए स्थानीय व्यापारी कई बार शासन – प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं मगर केदारनाथ यात्रा की तर्ज पर चोपता सहित तुंगनाथ यात्रा पड़ावों पर व्यवस्थायें चौक – चौबन्द करने के लिए शासन – प्रशासन का मुंह फेरना समझ से परे।जानकारी देते हुए ईको पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी ने बताया कि तुंगनाथ यात्रा के आधार शिविर चोपता सहित तुंगनाथ यात्रा पड़ावों पर समस्याओं का अम्बार लगने का खामियाजा तुंगनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों सहित तुंगनाथ घाटी आने वाले सैलानियों को भी भुगतान पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्य बाजार चोपता सहित तुंगनाथ यात्रा पड़ावों पर शौचालयों का निर्माण न होने से यहाँ पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करने के साथ ही प्रकृति को भी खासा नुकसान हो रहा है।
उपाध्यक्ष योगेन्द्र भण्डारी ने बताया कि तुंगनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से पूर्व स्वास्थ्य विभाग द्वारा यात्रा काल में चोपता में फार्मसिस्ट की तैनाती की जाती थी मगर विगत दो वर्षों से चोपता में फार्मसिस्ट की तैनाती न होने से तीर्थ यात्रियों व स्थानीय व्यापारियों को मामूली सी बुखार की दवाई के लिए भी 28 किमी दूर ऊखीमठ सम्पर्क करना पड़ रहा है। कोषाध्यक्ष कुंवर सिंह राणा ने बताया कि यात्रा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस प्रशासन द्वारा चोपता में स्थाई पुलिस चौकी तो खुली गयी है मगर तीर्थ यात्रियों के आवागमन में वृद्धि होने पर चोपता मुख्य बाजार में घन्टों जाम लगना आम बात हो गयी है। यशपाल सिंह नेगी ने बताया कि स्थानीय व्यापारियों द्वारा लम्बे समय से चोपता में पार्किंग निर्माण की मांग को भी अनसुना किया जा रहा है। अवतार सिंह चौहान ने बताया कि तुंगनाथ – चोपता पेयजल योजना की मरम्मत न होने से पेयजल योजना पर तकनीकी खराबी आते ही चोपता सहित यात्रा पड़ावों पर पेयजल संकट बना रहता है। बिक्रम सिंह भण्डारी, महावीर ने बताया कि भुजगली से चोपता तक फैले बुग्यालों में तीर्थ यात्रियों की आवाजाही होने से बुग्यालों की सुन्दरता धीरे – धीरे गायब हो रही है स्थानीय व्यापारियों द्वारा बुग्यालों के संरक्षण हेतु पैदल मार्ग के दोनों तरफ जाली लगाने की मांग को भी अनसुना किया जा रहा है। बैग्लूर से तुंगनाथ की यात्रा पर आई महिला यात्री रमणी का कहना है कि केदारनाथ यात्रा में सभी सुविधायें है मगर तुंगनाथ यात्रा पर अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा।