ऊखीमठ। कालीमठ घाटी के ग्रामीणों की अराध्य भगवती चौमुडा देवी के मन्दिर परिसर में महन्त शिव गिरी महाराज के अथक प्रयासों तथा कालीमठ घाटी के ग्रामीणों के सहयोग से आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के आठवें दिन रुच्छ महादेव से चामुण्डा देवी मन्दिर परिसर तक 51 जल कलशों से भव्य जल कलश यात्रा निकाली गयी। जिसमें सैकड़ों भक्तों ने शामिल होकर पुण्य अर्जित किया। शुक्रवार को पूर्णाहुति के साथ नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भगवत महापुराण ज्ञान यज्ञ का समापन होगा।बृहस्पतिवार को भगवती चामुण्डा के भक्त गाजे बाजे सहित चामुण्डा मन्दिर परिसर से सरस्वती नदी व मदानी नदी के संगम स्थल रूच्छ महादेव पहुंचे जहां पर विद्वान आचार्यों ने वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ पतित पावनी गंगा मैया व जल कलशों की विशेष पूजा – अर्चना की। ठीक 10 बजे 51 जल कलशो से सजी जल कलश यात्रा के रवाना होते ही सम्पूर्ण भू-भाग गंगा मैया के जयकारों से गुजायमान हो उठा।
जल कलश यात्रा के जाल तल्ला गाँव पहुंचने पर ग्रामीणों ने पुष्प अक्षत्रों से जल कलश यात्रा की अगुवाई की तथा ठीक बाजार बजे जल कलश यात्रा के चामुण्डा देवी मन्दिर परिसर पहुंचने पर कई देवी – देवता नर रूप में अवतरित हुए। जल कलश यात्रा के प्रधान कलश से भगवती चामुण्डा देवी का जलाभिषेक किया गया तथा शेष कलशों का जल श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया। श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा के आठवें दिन हरिद्वार के प्रख्यात कथावाचक गोवर्धन गिरीराज ने कहा कि तीर्थ स्थलों में आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों में निकाली गयी जल कलश यात्रा का महात्म्य हरिद्वार गंगा स्नान के समान है। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य जल कलश यात्रा में शामिल होता है या फिर जल कलश यात्रा के दर्शन करता है उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते है। इस मौके पर क्यूजा घाटी के सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप नेगी ने चामुण्डा मन्दिर परिसर को खूबसूरत बनाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर रवि कोठारी, विपिन पुरोहित, सत्यानन्द भटट्, विपिन भटट्, आयुष भटट,क्षेत्र पंचायत सदस्य सोमेश्वरी भटट्, अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सत्कारी, सचिव कीरत सिंह राणा,महामंत्री दिनेश सत्कारी, विशाम्बर भटट्, त्रिलोक सिंह रावत, कृपाल सिंह राणा, अरविन्द पंवार ,, ज्ञान सिंह सत्कारी, धन सिंह राणा, केदार सिंह सत्कारी,सजन सिंह राणा,आनन्द सिंह,शान्ता प्रसाद भटट्, राजेन्द्र सिंह सत्कारी, मोहन तिन्दोरी, सते सिंह तिन्दोरी, हर्ष सिंह, गुड्डू राणा, सहित विभिन्न गांवों के सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।