नाराजगी : सीमांत नीती मलारी घाटी के विद्यालयों में नौनिहालों के शीतकालीन प्रवासों पर जाने के बाद भी विद्यालयों का संचालन जारी, अभिभावकों ने उठाए सवाल – संजय कुंवर जोशीमठ

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नाराजगी : सीमांत नीती मलारी घाटी के विद्यालयों में नौनिहालों के शीतकालीन प्रवासों पर जाने के बाद भी विद्यालयों का संचालन जारी, अभिभावकों ने उठाए सवाल 

नीती मलारी घाटी के आठ शिफ्टिंग विद्यालयों में बच्चों के शीतकालीन प्रवासों पर आने के बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों का संचालन जारी रखा गया है। जबकि प्रत्येक वर्ष रोस्टर के अनुसार एक जुलाई से 30 सितंबर तक इन विद्यालयों का संचालन नीती, मलारी घाटी में जबकि अन्य समय में निचले इलाकों में किया जाता है। इस पर अभिभावकों ने सवाल उठाए हैं।

चमोली जिले की नीती मलारी घाटी में ग्रीष्मकाल के दौरान भोटिया जनजाति के निवासी प्रवास करते हैं। इस दौरान इनके बच्चे भी नीती, मलारी घाटी के गांवों में स्थित विद्यालयों में अध्ययन करते हैं। शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों के ग्रीष्मकाल व शीतकालीन प्रवासों पर संचालन के लिए बाकायदा प्रत्येक वर्ष रोस्टर जारी किया जाता है। एक जुलाई से लेकर 30 सितंबर तक नीती, मलारी घाटी में स्थित गांवों कोसा, मलारी, फरकिया, जेलम, द्रोणागिरी, नीती, बाम्पा व जेलम-दो के प्राथमिक विद्यालयों में छात्र छात्राएं अध्ययन करते हैं। 30 सितंबर के बाद इन इलाकों में बर्फबारी शुरू हो जाती है। जिससे ठंड के बाद नीती, मलारी घाटी के ग्रामीण निचले इलाकों मंगरोली, बालखिला, थिरपाक, मुनियाली, मैठाणा, कौड़िया, छिनका, मासों गांवों में आ जाते हैं। शीतकाल के दौरान शिक्षा विभाग द्वारा नीती, मलारी घाटी में ग्रीष्मकाल के दौरान रहने वाले छात्र छात्राओं की शिक्षा के लिए प्राथमिक विद्यालय कोसा मंगरोली, बालखिला मलारी, फरकिया थिरपाक, मुनियाली जेलम, द्रोणागिरी मैठाणा, नीती कौड़िया, बाम्पा छिनका, जेलम मासों का संचालन किया जा रहा है। बर्फबारी के बाद ठंड के चलते बच्चों के शीतकालीन प्रवासों पर आने के बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों का संचालन बंद नहीं किया गया है। बताया गया कि भोटिया जनजाति के परिवार शीतकालीन प्रवासों पर आने के बाद उनके बच्चे भी निचले इलाकों में आ गए हैं। ऐसे में नीती, मलारी में शीतकाल के दौरान विद्यालयों के संचालन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक नरेश कुमार हल्दियानी ने दूरभाष पर कहा कि पूर्व जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया द्वारा पुराने रोस्टर को निरस्त कर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने यानी 15 नवंबर तक नीती, मलारी घाटी में विद्यालयों के संचालन के निर्देश अपने कार्यकाल में दिए गए थे। उन्होंने बताया कि रोस्टर को लेकर मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।

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