ऊखीमठ। पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान भगवती नन्दा का सात दिवसीय मायके भ्रमण गुरूवार से विधिवत शुरू होगा। सात दिवसीय मायके भ्रमण में भगवती नन्दा विभिन्न गांवों का भ्रमण कर श्रद्धालु को आशीष देगी तथा श्रद्धालु भगवती नन्दा को नये अनाज के विभिन्न प्रकार के भोज अर्पित कर मनौती मांगेंगे। भगवती नन्दा के मायके भ्रमण में बगड्वाल नृत्य मुख्य आकर्षण माना जाता है तथा सारी गाँव में भगवती नन्दा के दो रात्रि विश्राम के बाद तपस्थली मक्कूमठ के लिए विदा होने की परम्परा है। बुधवार को भगवती नन्दा विशेष पूजा – अर्चना के साथ सभा गर्भ गृह से सभा मण्डप में विराजमान हो गयी है तथा भगवती नन्दा के सभा मण्डप में विराजमान होते ही मक्कू गाँव के ग्रामीणों ने नये अनाज का भोग अर्पित कर मनौती मांगी। जानकारी देते हुए ईको पर्यटन विकास समिति अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी ने बताया कि प्रति वर्ष शरदीय नवरात्रों के अष्टमी पर्व पर भगवती नन्दा के सात दिवसीय मायके भ्रमण की परम्परा है तथा बुधवार को अष्टमी पर्व पर भगवती नन्दा गर्भ गृह से सभा मण्डप में विराजमान हो गयी है तथा गुरूवार को मक्कूमठ से रवाना होकर प्रथम रात्रि प्रवास के लिए काण्डा गाँव पहुंचेगी।
प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने बताया कि 15 अक्टूबर को भगवती नन्दा रात्रि प्रवास के लिए हूण्डू, 16 अक्टूबर को उषाडा, 17 दैडा़, 18 को सारी गाँव पहुंचेगी तथा 19 अक्टूबर में सारी गाँव में भव्य नन्दा मेले के आयोजन की परम्परा है तथा 20 अक्टूबर को भगवती नन्दा सारी गाँव से विदा होकर अपने तपस्थली मक्कू गाँव पहुंचेगी तथा जगत कल्याण के लिए तपस्यारत हो जायेगी। प्रधान बरंगाली महावीर सिंह नेगी ने बताया कि भगवती नन्दा आगमन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है तथा ग्रामीणों व धियाणियो ने भगवती नन्दा के दर्शन के लिए गांवों की ओर रूख कर लिया है !
प्रधान दैडा़ योगेन्द्र नेगी ने बताया कि भगवती नन्दा के मायके आगमन पर बगड्वाल नृत्य की परम्परा है तथा इस बार भी भगवती नन्दा के मायके आगमन पर पौराणिक बगड्वाल नृत्य का आयोजन किया जायेगा। पूर्व सहायक सूचना अधिकारी गजपाल भटट् ने बताया कि भगवती नन्दा का मायके के गांवों का भ्रमण बड़ा ही मार्मिक होता है। भगवती नन्दा के मायके भ्रमण के दौरान धियाणियों में भगवती नन्दा के प्रति अगाध श्रद्धा देखने को मिलती है तथा भगवती नन्दा के विदाई का क्षण बहुत यादगार होता है। क्योंकि भगवती नन्दा की विदाई के समय सभी धियाणियों व महिलाओं के आंखों में विदाई का क्षण स्पष्ट झलकता है। उन्होंने बताया कि इस बार भगवती नन्दा का सारी गाँव आगमन 18 अक्टूबर को हो रहा है तथा 19 अक्टूबर को भगवती नन्दा के भव्य मेले का आयोजन किया जायेगा।