ऊखीमठ। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर के बाद न्यायालय द्वारा चारधाम यात्रा पर रोक लगाने से मदमहेश्वर घाटी का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने से मदमहेश्वर यात्रा व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों व देव स्थानम् बोर्ड के सन्मुख जो जून रोटी का संकट बना हुआ है। मदमहेश्वर यात्रा से जुड़े व्यापारियों, देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों व घोड़े – खच्चर संचालकों को उम्मीद है कि यदि एक माह के लिए भी चारों धामों की यात्रा को सुचारू किया जाता है तो उन्हें दो जून की रोटी के लिए मोहताज नहीं होना पड़ेगा। नैनीताल से मदमहेश्वर धाम की यात्रा पर आये पुनीत रावत का कहना है कि भगवान मदमहेश्वर के दर्शन करने की बडी़ लालसा थी मगर मदमहेश्वर धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के दर्शन नहीं कर सका इसलिए बिना दर्शनों के लौटना पड़ा।
कहा कि न्यायालय को स्थानीय लोगों के हितों को देखते हुए चार धाम यात्रा सुचारू करने की अनुमति देनी चाहिए। मदमहेश्वर धाम के व्यापारी भगत सिंह पंवार ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण चारधाम यात्रा पर रोक लगने से मदमहेश्वर घाटी का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है तथा स्थानीय व्यापारियों को भविष्य की चिन्ता सताने लग गई है। मैखम्बा में कई वर्षों से दुकान का संचालन कर रही रंगीली देवी ने बताया कि चारधाम यात्रा स्थगित होने से तीर्थ यात्रियों व सैलानियों के आवागमन में भारी गिरावट आयी है तथा मदमहेश्वर यात्रा से जुड़े लोगों की आजीविका खासी प्रभावित हुई है!
खटरा में दुकान का संचालन कर रही दीपा देवी ने बताया कि विगत वर्ष अनलाकडाउन के बाद मदमहेश्वर यात्रा पड़ावों पर रौनक लौट आयी थी मगर इस वर्ष वीरानी छायी हुई है! बनातोली में व्यवसाय कर रहे बलवीर सिंह पंवार ने बताया कि मदमहेश्वर यात्रा पडा़वो पर व्यवसाय कर रहा हर व्यक्ति चारधाम शुरू होने का इन्तजार कर रहा है तथा यदि समय पर चारधाम यात्रा शुरू नहीं होती है तो मदमहेश्वर यात्रा से जुड़े लोगों के सन्मुख रोजी रोटी का संकट खड़ा हो सकता है! गौण्डार में दुकान का संचालन कर रही सुनीता देवी का कहना है कि चार धाम यात्रा पर रोक लगने से मदमहेश्वर घाटी का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हुआ है।