जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने गुरूवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए कि गंगा स्वच्छता को लेकर संचालित अवशेष कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करें। इस दौरान गंगा नदी में गिरने वाले गंदे नालों की टैपिंग, एसटीपी निर्माण कार्यों, ठोस एवं तरल अपशिष्ट और बायोमडिकल वेस्ट निस्तारण कार्यो की विस्तृत समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई गंगा के परियोजना प्रबंधक को नगर पालिका जोशीमठ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य तत्काल शुरू कराने के निर्देश दिए। साथ ही यहां पर सीवर लाइनों व गंदे नालों को एसटीपी से टैंपिग सुनिश्चित करने को कहा। मिनि औद्योगिक संस्थान कालेश्वर में स्थापित उद्योग इकाई से निकलने वाले गंदे पानी व सीवर ट्रीटमेंट के लिए एसटीपी से जोड़ने के निर्देश दिए। निकाय क्षेत्रों में निर्मित शमसान घाटों में नियमित सफाई रखने तथा सभी घाटों पर प्रकाश व्यवस्था के लिए कनेक्शन लेने को कहा। जिलाधिकारी ने नदी किनारे बसे गांव में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन एवं निर्मित शमशान घाटों के रख-रखाव हेतु सीडीओ को संबधित खंड विकास अधिकारियों के साथ समीक्षा करने को कहा। स्वास्थ्य विभाग को बायोमेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता द्वारा जिले में बाढ़ क्षेत्रफल के बारे में जानकारी न दिए जाने पर जिलाधिकारी ने अगली बैठक में पूरी तैयारी साथ आने की हिदायत दी। इस दौरान उन्होंने जिला पर्यावरण समिति से संबधित वांछित सूचना भी शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश विभागों को दिए। गंगा संरक्षण समिति की महत्वर्पूण बैठक में जल संस्थान, खनन व परिवहन अधिकारियों के उपस्थित न रहने पर जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित अधिकारियों का वेतन रोकने के भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि हर महीने के दूसरे और चैथे सोमवार को गंगा संरक्षण समिति के कार्योें की प्रगति समीक्षा की जायेगी।
निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई के परियोजना प्रबंधक ने अवगत कराया कि बद्रीनाथ, गोपेश्वर, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग में एसटीपी निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और सभी एसटीपी संचालित है। केवल जोशीमठ में एसटीपी का निर्माण किया जाना बाकी है। नगर निकाय क्षेत्रों में गंदे नालों की टैपिंग की समीक्षा के दौरान अधिशासी अधिकारी ने बताया कि 31 नालों में से 25 नालों को एसटीपी से टैप किया जा चुका है। जोशीमठ में एसटीपी बनने के बाद तीन नाले इसमें टैप किए जाने है और शेष तीन बरसाती नाले है।