ऊखीमठ। केदारनाथ विधानसभा की पूर्व विधायक श्रीमती शैलारानी रावत ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर केदारनाथ विधानसभा के अन्तर्गत देव स्थानम् बोर्ड में तैनात कर्मचारियों, तीर्थ पुरोहित समाज के हक – हकूकों, पौराणिक परम्पराओं को यथावत रखने पर विचार करने तथा केदारनाथ यात्रा से जुड़े सभी वर्गों के लिए आर्थिक पैकेज मंजूर करने की मांग की। पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर देव स्थानम् बोर्ड में तैनात कर्मचारियों के हितों के लिए कार्ययोजना तैयार करने की मांग की है।
उनका कहना है कि देव स्थानम् बोर्ड में तैनात कर्मचारी केदारनाथ, मदमहेश्वर तथा तुंगनाथ धामों में तैनात रहकर अल्प वेतन पर अपनी डयूटी निष्ठा व ईमानदारी से निभाता है तथा 10 वर्षों की सेवा देने के बाद ही उसे पदोन्नति मिलती है ऐसी स्थिति में उसके परिवार के सन्मुख रोजी – रोटी का संकट बना रहता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि यदि देव स्थानम् बोर्ड में तैनात कर्मचारियों की पदोन्नति 10 वर्ष से पूर्व की जाय तो उन्हें अपने डयूटी के निर्वहन करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि तीर्थ पुरोहित समाज के हक – हकूकों व पौराणिक परम्पराओं पर सुरक्षित रखने पर पुनर्विचार किया जाय। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण विगत दो वर्षों से केदारनाथ सहित अन्य धामों की यात्रा बन्द है जबकि यहाँ का 70 प्रतिशत जनमानस केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ धामों सहित अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा पर निर्भर है। तीर्थ स्थलों की यात्रा स्थगित होने के कारण तीर्थ स्थलों की यात्रा पर निर्भर रहने वाले होटल, ढाबे संचालक, घोड़े – खच्चर संचालक, डंडी़ – कंड़ी संचालक तथा जीप टैक्सी संचालकों सहित तीर्थ स्थलों की यात्रा पर निर्भर रहने वालों की आजीविका प्रभावित होने से सभी की आर्थिकी प्रभावित होने से उन्हें भविष्य की चिंता सता रही है। इसलिए तीर्थ स्थलों की यात्रा पर निर्भर रहने वालों के लिए आर्थिक पैकेज मंजूर किया जाय।