ऊखीमठ। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सावन माह के प्रथम सोमवार को तुंगनाथ धाम पैदल पहुंच कर भगवान तुंगनाथ की पुरी में मत्था टेककर प्रदेश के समृद्धि की कामना की। मूसलाधार बारिश में पैदल तुंगनाथ धाम पहुंचने के बाद तुंगनाथ पुरी में मत्था टेका तथा वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण मन्दिर बन्द होने के कारण वे पूजा – अर्चना तथा अभिषेक नहीं कर पाए। तुंगनाथ धाम पहुंचने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भगवान तुंगनाथ धाम के प्रवेश द्वार पर मत्था टेकने के बाद कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण भगवान तुंगनाथ का मन्दिर बन्द है इसलिए वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन का उल्लंघन तथा तीर्थ स्थलों की परम्पराओं से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए!
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के तुंगनाथ घाटी आगमन पर विभिन्न ग्राम पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधियों ने उन्हें क्षेत्र में फैली विभिन्न समस्याओं के ज्ञापन का पुलिन्दा सौंपा जबकि ऊखीमठ पहुंचने पर केदार सभा व तीर्थ पुरोहित समाज ने देव स्थानम् बोर्ड के कारण उनका विरोधकर जोरदार नारेबाजी की तथा ऊखीमठ पहुंचने पर उनके काफिले को काले झण्डे दिखाकर देव स्थानम् बोर्ड का विरोध किया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के मदमहेश्वर घाटी पहुंचने पर जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया। पूर्व निधारित कार्यक्रम के तहत पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत सोमवार को चमोली गोपेश्वर से तुंगनाथ यात्रा के आधार शिविर चोपता पहुंचे तथा चोपता से तुंगनाथ पैदल यात्रा कर तुंगनाथ धाम पहुंचने पर प्रवेश द्वार मत्था टेका तथा वापस चोपता पहुंचने पर प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी तथा बरंगाली महावीर नेगी सहित स्थानीय व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने उनका फूल – मालाओं से स्वागत कर विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु ज्ञापन सौंपा। कुण्ड – चोपता मोटर मार्ग पर ताला के निकट ऊपरी पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण वे मक्कू – भीरी होते हुए देर सांय ऊखीमठ पहुंचे तो केदार सभा व तीर्थ पुरोहितों ने उनके काफिले को काले झंडे दिखाकर देव स्थानम् बोर्ड का विरोध किया। इस मौके पर सी ओ गणेश कोहली, तहसीलदार दीवान सिंह राणा, थानाध्यक्ष मुकेश थलेडी़ सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।