ऊखीमठ। प्रधान संगठन ने तहसील प्रशासन के माध्यम से प्रदेश के मुखिया को ज्ञापन भेजकर वित्तीय वर्ष 2021 – 22 में जिला योजना के अन्तर्गत आवंटित योजना में विकासखण्ड ऊखीमठ की अनदेखी का आरोप लगाते हुए निन्दा की है। उप जिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भेजे ज्ञापन का हवाला देते हुए प्रधान संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला योजना में ऊखीमठ विकासखण्ड की अनदेखी की गयी है जबकि प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से ऊखीमठ अति संवेदनशील है।
इसलिए ऊखीमठ विकासखण्ड के लिए समान योजनाओं का आवंटन किया जाना था मगर जिला प्रशासन व वर्तमान जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से जिला योजना के आवंटन में विकासखण्ड ऊखीमठ की अनदेखी की गयी है। प्रधान संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि जिला योजना के आवंटन में विकासखण्ड ऊखीमठ की समानता नहीं हुई तो प्रधान संगठन को सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन की होगी। वहीं दूसरी ओर प्रधान संगठन के खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से पंचायतीराज सचिव को भी ज्ञापन भेजकर सी एस सी सेंटरों को प्रतिमाह 2500 रुपये ग्राम पंचायतों के माध्यम से दिये जाने का विरोध किया है।
प्रधान संगठन का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा पूर्व में ही सी एस सी सेंटरों को प्रतिमाह 2500 रुपये दिये जाने का विरोध किया गया था फिर शासन स्तर से पंचायतीराज अधिकारियों पर दबाब बनाये जा रहा है। दोनों ज्ञापनों में प्रधान संगठन ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष रावत, संरक्षक सन्दीप पुष्वाण, वरिष्ठ उपाध्यक्ष त्रिलोक सिंह रावत, कोषाध्यक्ष हर्षवर्धन सेमवाल, मनोरमा देवी, प्रर्मिला देवी महावीर सिंह नेगी, प्रदीप राणा, दिलवर सिंह रावत, पिंकी देवी, हुक्म सिंह फर्स्वाण, राजेश्वरी देवी, मंजू शुक्ला, ज्योति सेमवाल, दिव्या राणा, योगेन्द्र तिवारी, आशा सती, सरोज भटट्, सरला देवी, प्रेमलता देवी, नवीन रावत, बिक्रम सिंह नेगी, अरविन्द राणा के हस्ताक्षर मौजूद रहे।