ऊखीमठ। केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग द्वारा मदमहेश्वर धाम में जल मोड़ नाली निर्माण के साथ ही बुग्यालों में हो रहे भूस्खलन की रोकथाम की कवायद शुरू कर दी गयी है तथा भविष्य में विभाग द्वारा मदमहेश्वर धाम में ब्रह्म वाटिका के निर्माण पर भी विचार किया जा रहा है जिससे भगवान मदमहेश्वर को प्रतिदिन बह्म कमल अर्पित होने के साथ – साथ मदमहेश्वर धाम आने वाला श्रद्धालु ब्रह्म वाटिका से भी रुबरु हो सके। यदि ब्रह्म वाटिका के निर्माण के लिए शासन से बजट की स्वीकृति मिलती है तो मदमहेश्वर में ब्रह्म वाटिका निर्माण का विभाग का यह पहला प्रयास होगा।
बता दें कि मदमहेश्वर धाम में जल भराव होने की समस्या लम्बे समय से बनी हुई तथा तथा विगत वर्ष मदमहेश्वर धाम में हुई मूसलाधार बारिश से मदमहेश्वर धाम में जल भराव होने से मदमहेश्वर धाम में अफरा – तफरी मच गयी थी! केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग द्वारा विगत वर्ष जल मोड़ नाली के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था मगर प्रस्ताव को स्वीकृति न मिलने के कारण इस वर्ष विभाग द्वारा जल मोड़ नाली की मरम्मत विभागीय संसाधनों से तो किये गये मगर फिर भी भविष्य में जल भराव की स्थिति बन सकती है। विभागीय सूत्रों की माने तो विभाग द्वारा मदमहेश्वर धाम में जल मोड़ नाली के निर्माण तथा मदमहेश्वर धाम के ऊपरी हिस्से में हो रहे भूस्खलन की रोकथाम के लिए चैकडैम निर्माण का प्रस्ताव शीघ्र शासन को भेजने की कवायद शुरू कर दी गयी है तथा शासन से स्वीकृति मिलते ही मदमहेश्वर धाम में जल मोड़ नाली का निर्माण तथा मदमहेश्वर धाम के ऊपरी हिस्से के सुरम्य मखमली बुग्यालों में हो रहे भूस्खलन के बचाव के लिए चैकडैम का निर्माण करने की पहल की जा रही है।
विभागीय जानकारी के अनुसार यदि मदमहेश्वर धाम में जल मोड़ नाली तथा चैकडैमो के निर्माण के लिए शासन से वित्तीय स्वीकृति मिलती है तो केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग द्वारा मदमहेश्वर धाम में ब्रह्म वाटिका के निर्माण की पहल शुरू की जा सकती है। विभाग का मानना है कि मदमहेश्वर धाम में ब्रह्म वाटिका के निर्माण से भगवान मदमहेश्वर को प्रतिदिन ब्रह्म कमल अर्पित होगा तथा देश – विदेश से मदमहेश्वर धाम आने वाला श्रद्धालु ब्रह्म कमल के पुष्पों से रुबरु होगा तथा ब्रह्म कमल का संरक्षण भी होगा। मदमहेश्वर धाम के हक – हकूकधारी मदन सिंह पंवार, भगत सिंह पंवार का कहना है कि यदि केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग द्वारा मदमहेश्वर धाम में ब्रह्म वाटिका के निर्माण की पहल की जाती है तो विभाग को पूर्ण सहयोग किया जायेगा। वही दूसरी ओर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के डी एफओ अमित कंवर का कहना है कि मदमहेश्वर धाम में सबसे मुख्य जरूरत जल मोड़ नाली निर्माण व बुग्यालों में हो रहे भूस्खलन को रोकने की है, यदि शासन से दोनों कार्यों के निर्माण के लिए बजट को स्वीकृति मिलती है तो उसके बाद मदमहेश्वर धाम में ब्रह्म वाटिका के निर्माण की कवायद शुरू की जायेगी।