पर्यावरण दिवस पर विशेष
दिनांक-5/6/2021
विषय-पर्यावरण
दिवस-शनिवार
खुश्बू वो मिट्टी की,
शीतल बहती पवन
नवयौवना प्रकृति ,
बसुंधरा हरी-भरी।।
कोयल की कुहक
आम्र की बौर सी,
खिली -खिली धरा,
महका उपवन उपवन।।
पंछियो का कलरव,
गुंजन भवरों का,
निर्मल नीर सा सुंदर,
प्रकृति का हर रूप।।
चांदनी रातों की,
गुलाबी धूप सी,
हरे-भरे वनो से,
निखरी-निखरी धरा।।
खिली-खिली कुमुदनी,
महकी रजनी गंधा सी,
नई नवेली दुल्हन सी,
खिली -खिली बसुंधरा।।
लावणी रूप वसुधा,
टेशू से महके फिजा,
पल्लवित पुष्पित विटपों से,
खिला रूप धरा का।।
मनोज तिवारी,,निशान्त,,