मौसम में आए बदलाव से प्रकृति प्रेमी चिंतित – लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

Team PahadRaftar

ऊखीमठ। इन दिनों बुंरास के फूल सहित प्रकृति के यौवन पर आने से प्रकृति प्रेमी खासे चिन्तित हैं। प्रकृति प्रेमियों का कहना है कि प्रकृति में इस प्रकार का बदलाव पहली बार देखने को मिल रहा है! इन दिनों धरती को निहारे तो धरती में हरियाली छाने से जुलाई माह का एहसास हो रहा है तथा पेड़ पौधों के नवाकुरों तथा बुंरास के पुष्पों को देखने से बसन्त आगमन का एहसास हो रहा है। इन दिनों पेड़ पौधों में नये यौवन का संचार होने से हर एक आश्चर्यचकित हैं। मई माह में भीषण आग की चपेट में आने वाली धरती में हरियाली छाने से हर एक मनुष्य मनन करने को विवश हो गया है।

बता दें कि इस वर्ष जनवरी- फरवरी में मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश न होने से बुंरास का फूल जनवरी माह के द्वितीय सप्ताह में ही खिलने शुरू हो गये थे तथा प्रकृति बसन्त आगमन तक अपने नव श्रृंगार करने से वंचित रह गई थी, परिणामस्वरूप मार्च महीने में ही अधिकांश जंगल भीषण आग की चपेट में आने से लाखों की वन सम्पदा स्वाहा होने के साथ वन्य जीव जन्तुओं के जीवन पर भी संकट के बादल मंडराने लग गये थे! क्षेत्र के अधिकांश जंगलों में भीषण आग लगने से तापमान में निरन्तर वृद्धि होने के साथ ही प्राकृतिक जल स्रोतों का जल स्तर भी घटने से अधिकांश गांवों में पेयजल संकट गहराने लग गया था। 20 अप्रैल के बाद क्षेत्र में अचानक मौसम ने करवट ली तथा हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश शुरू होने से जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने से वन विभाग व आमजनमानस को राहत मिली।

 

हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश होने से प्रकृति में नयी ऊर्जा का संचार होने से इन दिनों प्रकृति अपने यौवन पर है। अप्रैल माह के अन्तिम व मई माह के निरन्तर तीसरे सप्ताह तक बर्फबारी व बारिश होने से इन दिनों सम्पूर्ण धरती पर हरियाली छाने से जुलाई माह का एहसास हो रहा है जबकि पेड़ पौधों के बसन्त ऋतु के समान अंकुरित होने से बसन्त आगमन का एहसास हो रहा है। इन दिनों सीमान्त क्षेत्रों में बुंरास के फूलों के खिलने से प्रकृति की सुन्दरता पर चार चांद लगने का एहसास हो रहा है। पर्यावरणविद जसपाल सिंह नेगी का कहना है कि जनवरी व फरवरी माह में मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश न होने के कारण प्रकृति इन दिनों अपने यौवन पर है तथा धरती पर चारों तरफ हरी चादर बिछने ने अपार आनन्द की अनुभूति हो रही है। जिला पंचायत सदस्य परकण्डी रीना बिष्ट का कहना है कि इन दिनों सीमान्त क्षेत्रों में बुंरास के फूल खिलने से प्रकृति में नई ऊर्जा का संचार होने का एहसास हो रहा है। प्रकृति प्रेमी हरेन्द्र खोयाल ने बताया कि विगत दिनों हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश होने से इन दिनों पेड़ पौधे अंकुरित होने से धरती नव श्रृंगार कर रही है।

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