ऊखीमठ। पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने शनिवार को भी द्वितीय रात्रि प्रवास भूतनाथ मन्दिर में ही किया तथा रविवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर से प्रस्थान कर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर नृत्य करते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी तथा 17 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर पौराणिक परम्पराओं व विधि – विधान से भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें।
प्रदेश सरकार द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण चार धाम यात्रा को स्थगित किये जाने से इस बार भी भगवान तुंगनाथ के कपाट सादगी से खोले जायेगें। शनिवार को भूतनाथ मन्दिर में पण्डित भारत भूषण मैठाणी व सतीश मैठाणी ने बह्य बेला पर पंचाग पूजन के तहत गणेश,कुबेर, पृथ्वी, अग्नि सहित पंचनाम देवताओं सहित भगवान तुंगनाथ का आवाहन कर रूद्राभिषेक कर आरती उतारी तथा परम्परा के अनुसार भगवान तुंगनाथ की डोली सहित चल विग्रह मूर्तियों को भोग अर्पित किया! देर सांय को भी विधि – विधान से भगवान तुंगनाथ की पूजा – अर्चना कर आरती उतारी कर आशीर्वाद प्राप्त किया!
जानकारी देते हुए प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित ने बताया कि रविवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर से अगले पडाव के लिए रवाना होगी तथा पावजगपुडा, चिलियाखोड, बनियाकुण्ड यात्रा पड़ावों पर नृत्य करते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी ! उन्होंने बताया कि 17 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से प्रस्थान के पैदल मार्ग के विभिन्न सुरम्य मखमली बुग्यालों से रूबरू होकर तुंगनाथ धाम पहुंचेगी तथा भगवान तुंगनाथ की डोली के तुंगनाथ धाम पहुंचने पर तुंगनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें! प्रधान विजयपाल नेगी नेगी ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश सरकार द्वारा चार धाम यात्रा स्थगित किये जाने से इस बार फिर भगवान तुंगनाथ के कपाट सादगी से खोलें जायेगें।