ऊखीमठ: केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में विगत दो दिनों से हो रही बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश होने के सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आने के साथ ही जन – जीवन अस्त- व्यस्त हो गया है। निचले क्षेत्रों में विगत दो दिनों से हो रही बारिश से रूद्रप्रयाग – गौरीकुण्ड हाईवे कई स्थानों पर कीचड़ में तब्दील होने से राहगीरों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने पड़ रहा है। केदार घाटी में विगत दो दिनों से हो रही बारिश से शादी बारातों को सम्पन्न कराने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निचले क्षेत्रों में हो रही बेमौसमी बारिश से काश्तकारों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। केदार घाटी में लगातार बादलों के गर्जने से आपदा पीडि़तों की चिन्ताये बढ़ती जा रही है!
आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो आगामी मई माह के दूसरे सप्ताह से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा भी प्रभावित हो सकती है! बता दे कि केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में विगत दो दिनों से हो रही बर्फबारी से पवालीकांठा, केदारनाथ, वासुकी ताल, खाम,मनणी, मदमहेश्वर, विसुणीताल, चन्द्र शिला सहित अधिकांश हिमालयी भूभाग बर्फबारी से लदक होने तथा निचले क्षेत्रों में निरन्तर हो रही बारिश से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आने से जनजीवन अस्त – व्यस्त हो गया है तथा शादी बारातों को सम्पन्न कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केदार घाटी के अधिकांश इलाकों में हो रही बारिश से काश्तकारों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचने की सम्भावना बनी हुई है।
निचले क्षेत्रों में बेमौसमी बारिश होने से रुद्रप्रयाग – गौरीकुण्ड हाईवे गुप्तकाशी – गौरीकुण्ड के मध्य तथा ऊखीमठ – मनसूना – रासी मोटर मार्ग कई स्थानों पर कीचड़ में तब्दील होने से राहगीरों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने पड़ रही है! ग्रामीण आनन्द सिहं रावत, नवदीप नेगी ने बताया कि केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में विगत दो दिनों से हो रही बर्फबारी तथा निचले क्षेत्रों में बारिश होने से अत्यधिक ठंड महसूस की जा रही है! उन्होंने बताया कि केदार घाटी में बादलों के गरजने से आपदा पीडि़तों में भय बना हुआ है! ग्रामीण दिगम्बर भण्डारी ने बताया कि केदार घाटी में मौसम के बार – बार करवट लेने से शादी बारातों को सम्पन्न कराने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है! ग्रामीण सुभाष रावत, शेलेन्द्र कोटवाल ने बताया कि केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश होने से जनमानस की दिनचर्या खासी प्रभावित हो गयी है!