
जोशीमठ : गोविंदघाट पुल टूटने के बाद पुलना गांव में बिजली,पानी, दूरसंचार,आवाजाही का संकट, ग्रामीण भागवत सिंह चौहान ने सुनाई आप बीती
संजय कुंवर,पुलना/गोविन्दघाट
गोविन्दघाट : बुधवार 5 मार्च को अलक नन्दा घाटी के गोविंदघाट को लोकपाल श्री हेमकुंड साहिब फूलों की घाटी,पुलना से जोड़ने वाले एक मात्र लाईफ लाईन मोटर पुल के भूस्खलन और पहाड़ी से बोल्डर गिरने के चलते क्षतिग्रस्त होने के बाद जहां पूरी भ्यूंडार लोकपाल घाटी का देश दुनिया से संपर्क कट गया है। साथ ही श्री लोकपाल हेमकुंड साहिब फूलो की घाटी यात्रा के मेजबान गांव पुलना में भी अब आवाजाही के सभी साधन भू स्खलन के चलते बन्द हो चले है। बिजली,पानी और दूर संचार व्यवस्था ठप हो गई है, पुलना घाटी में दैनिक जन जीवन प्रभावित हो चला है। पुलना गांव की महिला मंगल दल अध्यक्ष हेमा देवी ने बताया कि पुलना गांव के ग्रामीणों को पहली प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले आवाजाही के लिए वैकल्पिक पुल की व्यवस्था सबसे पहली है। उसके बाद गांव में बिलजी आपूर्ति भी ठप है, यही नहीं गांव में गर्भवती महिलाओं और बीमार बुजुर्गों और बच्चों के लिए इमरजेंसी मेडिकल व्यवस्था के लिए पहल करनी होगी। गांव से जोशीमठ मुख्यालय तक पहुंचने के लिए उचित साधन की जरूरत है। वहीं किसी तरह जान हथेली पर रख कर पुलना गांव से अलक नन्दा नदी पार कर जोशीमठ मुख्यालय अपने परिवार के लिए दवाइयां और अन्य जरूरत मंद सामान लेने पहुंचे भागवत सिंह चौहान ने अपनी आप बीती बताते हुए कहा कि गांव में मोबाइल नेटवर्क भी बाधित है बिजली पानी भी ठप्प है। गांव में बाहर देहरादून और जोशीमठ से परिजन संपर्क कर रहे लेकिन नेटवर्क नही होने से किसी की भी कुशलता नही पूछी जा रही है, 5 किलोमीटर पैदल चल कर वो किसी तरह अलक नन्दा नदी को पार कर गोविंद घाट पहुंचे वहां से जोशीमठ आए है अब वापसी के लिए भी जान जोखिम में डाल कर वापस पुलना जाना पड़ेगा। पुलना घाटी के ग्रामीणों की सुध लेने की बात कहते हुए भागवत सिंह कहते है की प्रशासन पहले जल्द एक वैकल्पिक पुल बना दें हमे बाकी लोकपाल देवता की कृपा से सब ठीक ही होगा।