ऊखीमठ। ब्लॉक सभागार में आयोजित पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत पंचायत प्रतिनिधियों का दो दिवसीय क्षमता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हो गया है। दो दिवसीय प्रशिक्षण में पंचायत प्रतिनिधियों ने गाँव के अन्तर्गत संचालित विकास योजनाओं व योजनाओं के संचालन के लिए अनेक गुर सीखे तथा प्रशिक्षण के समापन पर सभी पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र देकर समानित किया गया। दो दिवसीय प्रशिक्षण में जानकारी देते हुए जन प्ररेणा शिक्षण संस्थान रूद्रप्रयाग के प्रशिक्षण समन्यवक नरेश चमोली ने कहा कि 73 वें संविधान संशोधन के द्वारा पंचायतों को संवैधानिक दर्जा दिया गया है जिसके पश्चात् पंचायतें स्थानीय स्व – शासन के रूप में विकसित हो रही है।
प्रशिक्षण समन्यवक सुरेन्द्र दत्त नौटियाल ने बताया कि ग्राम स्तर पर स्थानीय समस्याओं को निपटाने, विकास का नियोजन, प्रबन्धन व उनका क्रियान्वयन करने के उद्देश्य से पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। जयवीर सिंह बर्तवाल ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में वर्तमान में 7791 ग्राम पंचायतें, 95 क्षेत्र पंचायतें एवं 13 जिला पंचायतें विद्यमान है, वर्ष 2019 के निर्वाचन में पंचायतों के प्रधान / अध्यक्षों सहित कुल 70739 निर्वाचित प्रतिनिधि हैं! विवेक ने बताया कि उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 में भी स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का क्रियान्वयन पंचायतों को सौपने का प्रावधान किया गया है! कनिष्ठ प्रमुख शेलेन्द्र कोटवाल ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविर न्याय पंचायत स्तर पर लगाकर वार्ड सदस्यों को भी जानकारी दी जानी चाहिए!
प्रधान संगठन ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष रावत ने कहा कि दो दिवसीय प्रशिक्षण में हमें बहुत कुछ जानकारियां हासिल हुई है तथा गाँव के विकास प्रशिक्षण में मिली जानकारी मील का पत्थर साबित होगी। सहायक खण्ड विकास अधिकारी पंचायत गोकुल सिंह रावत सभी ग्राम पंचायतों को पेपरलेस, कैशलेस तथा फेसलेस होना चाहिए! इस मौके पर प्रधान मुलायम सिंह तिन्दोरी, अरविन्द राणा, योगेन्द्र नेगी, विजयपाल नेगी, आशा सती, सरोज भटट्, शान्ता देवी, सुदर्शन राणा, राकेश रावत, जी एल आर्य, महेन्द्र सिंह रावत सहित कई गांवों के पंचायतों प्रतिनिधि मौजूद रहे।