औली : यलो अलर्ट पड़ रहा गौ वंशों पर भारी, औली बुग्याल में भारी बर्फबारी में फंसे पशु धनों को एसडीएम जोशीमठ के निर्देश पर नगर पालिका के पर्यावरण मित्रों के प्रयासों से सकुशल ज्योतिर्मठ लाया गया।
संजय कुंवर, औली जोशीमठ
सूबे की विंटर डेस्टिनेशन औली में जहां वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते जबरदस्त बर्फबारी हो रही है वहीं यह बर्फबारी जहां विंटर वेकेशन मनाने औली पहुंचे पर्यटकों और शीतकालीन पर्यटन कारोबारियों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, तो दूसरी तरफ औली बुग्याल में चुगान के लिए छोड़े गए नगर छेत्र सहित आसपास के गावों के पशु धनों के लिए ये बर्फबारी अभिशाप साबित हो रही है।दरअसल औली बुग्याल में गर्मियों में चुगान के लिए छोड़े गए गौ वंशों में से अधिकतर पशु धनों को उनके स्वामी वापस ले गए लेकिन अभी भी दर्जन भर बेजुबान निरीह मवेशी पशुधन विंटर डेस्टिनेशन औली के बर्फीले बुग्याल में करीब एक दे डेढ़ फुट की बर्फबारी में भूखे प्यासे इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं, अब जबकि बर्फबारी के चलते पूरा औली बुग्याली क्षेत्र बर्फ की सफेद चादर ओढ़ चुका है ऐसे में इन बेजुबान पशु धनों को जान बचाने के लिए एक अदद सहारा टीन सेड शेल्टर तक नसीब नहीं है,वहीं भूख प्यास से कुछ गौ वंश मरने के कगार पर है, लेकिन न इन गौ वंशों के मालिकों को और न ही नगर क्षेत्र के जागरूक जन प्रतिनिधियों, और समाज सेवियों एनजीओ संचालकों से लेकर पालिका परिषद और प्रशासन को इनकी सुध है,ऐसे में होटल एसोसिएशन ऑफ औली के अध्यक्ष एएल शाह को जब इस बाबत जानकारी दी गई तो उनके द्वारा एसडीएम जोशीमठ चंद्र शेखर वशिष्ट को इस गंभीर मामले से अवगत कराया जिसके बाद उप जिला अधिकारी ज्योतिर्मठ द्वारा संज्ञान लेते हुए औली क्षेत्र में बर्फबारी में फंसे गौ वंश की सुध लेने के लिए तत्परता के साथ ठोस कार्यवाही की गई है और नगर पालिका परिषद जोशीमठ के पर्यावरण मित्रों और अन्य कार्मिकों, द्वारा समय रहते बर्फबारी के बीच औली पहुंच कर बर्फबारी में फंसे इन गौ वंशों को सुरक्षित ज्योतिर्मठ की और ले आए हैं।
पालिका के प्रभारी सफाई निरीक्षक अनिल कुमार ने बताया की एसडीएम जोशीमठ के निर्देश के बाद सभी गौ वंश को औली की बर्फीली वादियों से सुरक्षित नीचे पालिका के गौ सदन की तरफ लाया गया है, चलो समय रहते कार्यवाही तो हो गई लेकिन जिस तरह से हिम क्रीडा स्थली औली में इस तरह गौ माताओं और गौ वंशों को इस तरह बर्फबारी में मरने को छोड़ा गया है, इन गौ वंशों के स्वामियों की पहचान करते हुए सभी पर सख्त कार्यवाही होना जरूरी है ताकि आम जन में एक संदेश जा सके की गौ माता सहित सभी पशु धनों को इस तरह लाचार हालात में बर्फ में मरने को छोड़ना कितना बड़ा गुनाह है।